झुंझुनूं में मुख्य सचिव की सख्ती के बाद जिला प्रशासन और पीआरओ ऑफिस में आई फुर्ती।
झुंझुनूं में प्रशासन सक्रिय, कलेक्टर ने सुनवाई के लिए खोले दरवाज़े
मुख्य सचिव की फटकार के बाद झुंझुनूं प्रशासन ने बदली कार्यशैली
झुंझुनूं। मुख्य सचिव सुधांशु पंत की कड़ी फटकार के बाद झुंझुनूं जिला प्रशासन और जनसंपर्क कार्यालय में अचानक तेजी देखने को मिल रही है। अब तक निष्क्रिय नजर आने वाला पीआरओ ऑफिस भी सक्रिय हुआ है, और जिला प्रशासन ने अपनी कार्यप्रणाली को लेकर प्रेस नोट्स और सूचनाएं मीडिया तक पहुंचानी शुरू कर दी हैं।
कलेक्टर से कभी भी मिल सकते हैं परिवादी
जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने जानकारी दी कि जनसुनवाई का औपचारिक समय दोपहर 12 से 2 बजे तक है, लेकिन इसके अलावा भी कोई भी परिवादी उनसे किसी भी समय मिल सकता है। उन्होंने कहा कि “मेरे दरवाज़े नागरिकों के लिए हमेशा खुले हैं।”
राज्य औसत से 37. 22 घंटे से काफी बेहतर-
कलेक्टर मीणा की ई-फाइल निपटान की गति भी चर्चा में है।
- मई 2025 में वे औसतन 2 घंटे 17 मिनट में एक ई-फाइल निपटा रहे हैं।
- जबकि राज्य औसत 37.22 घंटे का है।
पूर्व महीनों में भी वे इसी तरह तेज़ी से काम कर रहे हैं:
- फरवरी: 3 घंटे 25 मिनट
- मार्च: 2 घंटे 40 मिनट
- अप्रैल: 4 घंटे 26 मिनट
उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को भी ई-फाइलिंग के माध्यम से ही कार्य करने के निर्देश दिए हैं, जिससे पारदर्शिता, समयबद्धता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
उपर्युक्त दोनों अपडेट आज ही मिडिया से साँझा किये गए है
जनसंपर्क विभाग की निष्क्रियता पर भी पड़ा असर
कल सीकर में हुई बैठक में मुख्य सचिव ने झुंझुनूं के अधिकारियों को लताड़ा था। इसके बाद आज झुंझुनूं जिला प्रशासन की तरफ से लगातार अपडेट्स सामने आ रहे हैं।
जहां पहले रास्ता खोलो अभियान की सूचनाएं सिर्फ प्रेस नोट तक सीमित थीं, वहीं अब लाभार्थियों की बाइट्स भी साझा की जा रही हैं। पत्रकारों के अनुसार, आज पहली बार जनसंपर्क विभाग की तरफ से समय पर पूरी सूचना उपलब्ध कराई गई।
क्या यह बदलाव स्थायी होगा ?
अब बड़ा सवाल यह है कि प्रशासन की यह चुस्ती स्थायी बनेगी या कुछ दिन बाद फिर वही ढाक के तीन पात साबित होगी।
फिलहाल झुंझुनूं में प्रशासन की यह सक्रियता पत्रकारों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।
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