लर्निंग लाइसेंस पर क्लेम से इनकार करने वाली बीमा कंपनी को देना होगा 15 लाख रुपए मुआवजा
झुंझुनूं, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक अहम फैसले में बीमा कंपनी को 15 लाख रुपए का बीमा क्लेम मृतक की मां को ब्याज सहित चुकाने के आदेश दिए हैं।
साथ ही आयोग ने मानसिक संताप पेटे 55 हजार रुपए अतिरिक्त देने को कहा है।
मामला: 2021 की सड़क दुर्घटना से हुई युवक की मौत
ग्रामवासी गीता देवी के पुत्र आकाश (21) की वर्ष 2021 में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।
पुलिस जांच में पाया गया कि दुर्घटना ट्रक चालक की लापरवाही से हुई, जबकि बाइक सवार मृतक की कोई गलती नहीं थी।
बीमा कंपनी ने किया था क्लेम से इनकार
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने यह कहते हुए बीमा क्लेम देने से इंकार कर दिया
कि मृतक के पास लर्निंग लाइसेंस था।
इस पर मृतक की मां ने जून 2022 में जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर किया।
आयोग ने कहा – “बीमा कंपनी से निष्पक्ष व्यवहार की उम्मीद होती है”
आयोग के अध्यक्ष मनोज मिल और सदस्य परमिंदर कुमार सैनी की खंडपीठ ने
उच्चतम न्यायालय की नज़ीर का हवाला देते हुए कहा –
“एक बीमा कंपनी से यह उम्मीद की जाती है कि वह निष्पक्ष व्यवहार करेगी,
न कि केवल अपने मुनाफे की परवाह करेगी।”
ब्याज सहित भुगतान के आदेश
आयोग ने बीमा कंपनी को आदेश दिया कि वह 15 लाख रुपए की राशि
परिवाद दर्ज होने की तारीख से 6% वार्षिक ब्याज सहित 60 दिन में चुकाए।
निर्धारित समय में भुगतान न होने पर 9% वार्षिक ब्याज दुर्घटना की तिथि से लागू होगा।
न्याय की मिसाल बना झुंझुनूं का फैसला
यह फैसला न केवल उपभोक्ता अधिकारों को मज़बूती देता है,
बल्कि यह भी दर्शाता है कि लर्निंग लाइसेंस धारक भी वैध क्लेम के हकदार हैं
यदि दुर्घटना उनकी गलती से नहीं हुई हो।