Posted inJhunjhunu News (झुंझुनू समाचार)

Jhunjhunu News: झुंझुनूं सरकारी पोर्टल अपडेट नहीं, जिम्मेदार अधिकारी पर सवालिया निशान

Jhunjhunu government portal not updated, citizens face information gap

जिम्मेदार दूसरे कार्यों में व्यस्त, जिला प्रशासन लंबे समय से मौन

झुंझुनूं के सरकारी पोर्टल पर पुरानी जानकारी, जनता परेशान

झुंझुनूं प्रशासन की लापरवाही उजागर

झुंझुनूं, झुंझुनू जिला कहने मात्र को ही अब अग्रणी रह गया है। हालांकि शिक्षा के मामले में आज भी अपना विशिष्ट स्थान रखता है जिसके चलते यहां पर आने वाले नए अधिकारी भी चौकन्ने होकर काम करते हैं लेकिन वर्तमान संदर्भ में स्थितियां बदल गई हैं। कुछ अधिकारियों को जिला प्रशासन और सरकार का लंबे समय से खौफ नहीं है जिसके चलते हुए अपनी जिम्मेदारियां को हल्के में लेते आ रहे हैं। मजे की बात तो यह है कि उनके खिलाफ आज तक झुंझुनू के आला अधिकारियों के साथ सरकार ने भी उनके खिलाफ कोई ठोस कदम उठाने की हिम्मत नहीं दिखाई है। यह कैसी मजबूरी है ? दरअसल आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान सरकार के गवर्नमेंट पोर्टल पर जो डिस्टिक एडमिनिस्ट्रेशन की जानकारी दी गई है। उस पर आज भी झुंझुनू के प्रभारी सेक्रेटरी मोहनलाल यादव को बताया गया है।

झुंझुनूं जिला प्रशासन पर एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं। राजस्थान सरकार के गवर्नमेंट पोर्टल पर लंबे समय से जिला प्रशासन की जानकारी अपडेट नहीं की गई है।

गलत नाम और अधूरी जानकारी

पोर्टल पर आज भी झुंझुनूं के प्रभारी सचिव मोहनलाल यादव को ही दर्शाया गया है। वही शेखावाटी के अन्य जिले सीकर और चूरू में अपने जिला प्रशासन के बारे में अधिकारियों की लंबी चौड़ी लिस्ट भी उपलब्ध है लेकिन झुंझुनू में यह फेहरिस्त बहुत ही छोटी हो जाती है और अपडेट भी नहीं है।

जिम्मेदार कौन?

इस पोर्टल के जो नोडल अधिकारी हैं वह सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु सिंह है। जो इन दिनों अपनी निजी सरकारी कक्ष की साज सज्जा में व्यस्तता के चलते चर्चा में है वही लम्बे समय से उन पर मंच के शौकीन होने की चर्चाए पत्रकारों के साथ प्रशासनिक गलियारों में सुनी जाती रही है।

स्थानीय नागरिकों की चिंता

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पोर्टल पर अधूरी और पुरानी जानकारी होने से उन्हें विभागीय कामों और संपर्क के लिए सही सूचना नहीं मिल पाती।

इस खबर को पढ़कर साफ है कि झुंझुनूं प्रशासन की डिजिटल पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।