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झुंझुनू जिले के सरकारी चिकित्सा एवं शिक्षण संस्थान बने लापरवाही के मौन मूक स्थल

आज झुंझुनू जिले के दो स्थानों पर सरकारी चिकित्सा एवं शिक्षा संस्थानों में घोर लापरवाही के उदाहरण देखने को मिले। जिले की सूरजगढ़ सीएचसी में एक प्रसूता दो घंटे तक तड़पती रही लेकिन धरती के भगवानो की आँख ही नहीं खुली लिहाजा गरीब परिजनों को उसे चिड़ावा के  अस्पताल में लाकर भर्ती करवाना पड़ा। वही जिले के नुआ कस्बे में स्थित सरकारी स्कूल फूलचंद जालान के 17 बच्चे फूड पॉइजन का शिकार होकर गंभीर हालत में झुंझुनू के भगवान दास खेतान अस्पताल में भर्ती हुए अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि नुआ कस्बे की फूलचंद जालान स्कूल में 17 बच्चे कोई रतनजोत नाम के बीज का सेवन कर लिया जिससे बच्चों की हालत गंभीर हो गई और उनको यहां पर अस्पताल में भर्ती करवाया जहां पर अब बच्चों की हालत स्थिर बनी हुई है वहीं बच्चों के परिजन अस्पताल में पहुंचकर हल्का फुल्का हंगामा भी करते नजर आए एक्स आर्मी जवान अजीत सिंह का कहना था कि वह नुआ गांव का ही रहने वाला है और वह रास्ते से जा रहा था कि एक बच्ची ने उसे नींबू और पानी लाने को कहा जब उसने नींबू और पानी लाकर बच्ची को दिया तो देखा बच्ची वहां पर बेहोश पड़ी है जब उसने स्कूल की दीवार के अंदर देखा तो काफी सारे बच्चे वहां पर बेहोशी की हालत में पड़े हुए नजर आए अजीत नामक एक्स आर्मी जवान ने लोगों को सूचना दी और बच्चों को निजी गाड़ियों से झुंझुनू के भगवान दास खेतान अस्पताल में भर्ती करवाया जहां पर अब सभी 17 बच्चों की हालत स्थिर बनी हुई है एक्स आर्मी अजीत ने बताया कि स्कूल में अध्यापकों की भी लापरवाही है वहां पर सब अपनी मस्ती में बैठे हुए नजर आए और वही जवान ने बताया कि नुआ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी कोई स्टाफ या कर्मचारी नजर नहीं आया जिससे कि बच्चों को प्राथमिक उपचार दिया जा सके वहीं स्कूल की एक बच्ची ने जानकारी देते हुए बताया कि वह अपनी साथी छात्राओं के साथ स्कूल में साफ सफाई कर रहे थे और वहां पर रतनजोत के बीज एक पेड़ के नीचे पड़े हुए नजर आए और उन सभी ने वह बीज खा लिया जिससे उनकी हालत खराब हो गई और उनको उल्टी दस्त होने लग गए गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों में आए दिन इस तरीके की घटना घटती है वही देखने वाली बात यह भी है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों से किस तरह से साफ सफाई का काम लिया जाता है राज्य सरकार को इस और ध्यान देना चाहिए ऐसे अध्यापकों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए जो पढ़ने के लिए आने वाले बच्चों से साफ सफाई का कार्य करवाते हैं। हाल ही में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ है जिसका असर ग्राउंड पर जिस दिन आम आदमी को दिखने लगेगा वास्तव में वही दिन सत्ता परिवर्तन का होगा। वरना सरकारें तो आती है और जाती है।