झुंझुनूं नगर परिषद की खामियों पर न्याय मित्र की रिपोर्ट पेश
झुंझुनूं, स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ी लापरवाही का खामियाजा झुंझुनूं के लोग भुगत रहे हैं। यह खुलासा हाल ही में नगर परिषद झुंझुनूं के न्याय मित्र के के गुप्ता की रिपोर्ट में हुआ है।
गुप्ता ने नगर का निरीक्षण कर माननीय लोक अदालत को रिपोर्ट प्रस्तुत की और कई महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए।
सफाई व्यवस्था में खामियां
शहर के वार्डों में जगह-जगह गंदगी और कचरे के ढेर पाए गए। रिपोर्ट में कहा गया कि सफाई कर्मचारियों की मॉनिटरिंग कमजोर है, जिससे आमजन नाराज हैं।
सड़कों पर घूमते जानवर
रिपोर्ट में बताया गया कि गायें बड़ी संख्या में सड़कों पर घूम रही हैं, जो न केवल यातायात बाधित करती हैं बल्कि प्लास्टिक खाने से उनकी मौत भी हो रही है। 160 गायों को अब तक गोशाला भेजा गया है, लेकिन अभियान को और गति देने की जरूरत है।
अतिक्रमण की समस्या
शहर की सड़कों पर दुकानदारों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। इससे राहगीरों को परेशानी होती है। रिपोर्ट में जिम्मेदार कर्मचारियों को पाबंद करने की सिफारिश की गई।
डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण
कचरा संग्रहण सही तरीके से नहीं हो रहा। गीला और सूखा कचरा अलग-अलग नहीं लिया जा रहा। इसके लिए नगर परिषद ने ठेकेदारों को पाबंद किया है।
सड़कें और सीवरेज
- कई जगह सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं। नगर परिषद ने गहरे गड्ढों को सीसी से भरना शुरू किया है।
- सीवरेज लाइनें ओवरफ्लो हो रही हैं और कई जगह कनेक्शन ही नहीं है। रिपोर्ट में उच्च स्तरीय जांच और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटें
शहर में रोड लाइटें बंद पड़ी हैं, जिससे रात में लोगों को परेशानी हो रही है। गुप्ता ने 24 घंटे में शिकायत निस्तारण की व्यवस्था की सिफारिश की।
धार्मिक स्थलों की सफाई
रिपोर्ट में कहा गया कि मंदिरों और धार्मिक स्थलों के आसपास सफाई नहीं है। मीटिंग के बाद सफाई कार्य शुरू किया गया है।
निष्कर्ष
गुप्ता ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन शहरी अभियान से जुड़े अधिकारी काम में रुचि नहीं ले रहे हैं। इससे जनता परेशान हो रही है। उन्होंने नगर परिषद कार्यालय पर एक मॉनिटरिंग बोर्ड लगाने का सुझाव दिया, जिसमें जिम्मेदार अधिकारियों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे जाएं।