संघर्ष समिति का गठन
झुंझुनूं के शिक्षक भवन में स्मार्ट मीटर विरोधी संघर्ष को तेज करने के लिए जिला स्तरीय बिजली उपभोक्ता सम्मेलन संपन्न हुआ। चार सदस्यीय अध्यक्षमंडल कामरेड फूलचंद ढेवा, कामरेड विद्याधर गिल, कामरेड पोकर सिंह झाझड़िया और कामरेड रमेश चौधरी की अध्यक्षता में 35 सदस्यीय स्मार्ट मीटर हटाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया।
शहीदों को श्रद्धांजलि
सम्मेलन की शुरुआत में जिले के शहीद जवान लालपुर के इकबाल खान और बुहाना के राम सिंह रांगेय को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर सभी सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
संगठनों की भागीदारी
सम्मेलन में अखिल भारतीय किसान महासभा, अखिल भारतीय किसान सभा, क्रांतिकारी किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, माकपा, भाकपा-माले, राष्ट्रीय मुस्लिम न्याय मंच, भीम आर्मी, एसएफआई और डीवाईएफआई शामिल थे।
प्रमुख वक्ता
सम्मेलन को संबोधित करने वाले प्रमुख वक्ताओं में फूलचंद बर्वर, रामचंद्र कुलहरि, बजरंग लाल एडवोकेट, पंकज धनखड़, ओमप्रकाश झारोड़ा, महीपाल पूनियां, सुमेर सिंह बुडानिया, राजेन्द्र फौजी, इंद्राज सिंह चारावास, मदनलाल यादव, बिलाल कुरैशी, अजय तसीड एडवोकेट समेत कई अन्य नेता शामिल रहे।
आगामी कार्य योजना
संघर्ष समिति की बैठक में तय किया गया कि 1 सितंबर से 14 सितंबर तक हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। 15 सितंबर को सभी तहसील कार्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। संघर्ष समिति की अगली बैठक 21 सितंबर को शिक्षक भवन झुंझुनूं में होगी।
स्मार्ट मीटर विरोध के कारण
प्रवक्ताओं ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगने से बिजली के बिल कई गुना बढ़ रहे हैं। किसानों और आम उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। प्रीपेड सिस्टम की आशंका से लोग चिंतित हैं कि बिजली रिचार्ज न होने पर कनेक्शन कट जाएगा।