शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका पर विशेषज्ञों ने रखे विचार
झुंझुनू | चूड़ैला। जगदीश प्रसाद झाबरमल टिबड़ेवाला विश्वविद्यालय (JJT University), चूड़ैला में एक दिवसीय राष्ट्रीय ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का विषय “बदलते परिवेश में शिक्षा के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का महत्व” रहा।
सरस्वती वंदना के साथ शुभारंभ
सेमिनार का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ।
डायरेक्टर डॉ. वनश्री वलेचा ने स्वागत उद्बोधन दिया।
डॉ. रामप्रताप सैनी ने अतिथियों का परिचय कराया, जबकि डॉ. मधु गुप्ता ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं।
AI के बढ़ते प्रभाव पर विशेषज्ञों के विचार
सेमिनार के की-नोट स्पीकर कमांडर डॉ. भूषण दीवान रहे।
स्पीकर सेशन में
- डॉ. जनक रानी (प्रिंसिपल, एमएम कॉलेज, फतेहाबाद) ने शिक्षा में AI के बढ़ते प्रभाव पर प्रकाश डाला।
- डॉ. कृष्णा अचल ने शैक्षणिक नवाचारों में AI की भूमिका पर विचार साझा किए।
द्वितीय स्पीकर सेशन में
- प्रभाकर वरलेकर ने AI की गुणवत्ता और तकनीकी पक्षों को समझाया।
- डॉ. प्रमोद कुमार पाण्डे (प्रयागराज) ने शिक्षा में AI के व्यावहारिक उपयोगों की जानकारी दी।
विश्वविद्यालय प्रशासन का संदेश
विश्वविद्यालय की ओर से चेयरपर्सन डॉ. विनोद टिबड़ेवाला ने कहा
“शिक्षा में नवीन तकनीकों को समझने के लिए ऐसे सेमिनार समय-समय पर आयोजित किए जाएंगे।”
रजिस्ट्रार डॉ. अजीत कुमार ने AI की उपयोगिता पर विचार रखे, जबकि
चीफ फाइनेंस ऑफिसर डॉ. अमन गुप्ता ने शिक्षा के क्षेत्र में AI के महत्व को रेखांकित किया।
आयोजन एवं सहभागिता
सेमिनार की ऑर्गनाइजिंग कमेटी में
डॉ. अंजू सिंह, डॉ. स्वाति देसाई, डॉ. इकराम कुरैशी, डॉ. सुरेन्द्र कुमार और डॉ. जगबीर सिंह शामिल रहे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. नाजिया हुसैन ने किया।
अंत में डॉ. सविता सांगवान एवं डॉ. अनन्ता शांडिल्य ने सभी का आभार व्यक्त किया।
बड़ी संख्या में सहभागिता
इस राष्ट्रीय सेमिनार में 135 से अधिक स्कॉलर्स ने भाग लिया, जबकि
60 से ज्यादा प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए, जिससे सेमिनार को शैक्षणिक दृष्टि से विशेष महत्व मिला।