PART – 2
मुख्यमंत्री के दौरे से पहले पत्रकारों का कमाल – कलम उठाने वाले हाथो ने उठाया फावड़ा
मुख्यमंत्री दौरे से पहले झुंझुनूं पत्रकारों ने बदल दी पार्क की तस्वीर
झुंझुनूं में पत्रकारों ने बारिश में श्रमदान कर पार्क संवारा
जब सिस्टम सोया, झुंझुनूं के पत्रकारों ने थामा फावड़ा
झुंझुनू, जब जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से मुख मोड़ने लगे और अपने उच्च अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना भी करने लगे ऐसी स्थिति में आपने चौथे स्तंभ द्वारा खबरें चलाने का काम तो अपने अमूमन देखा होगा लेकिन झुंझुनू जिला मुख्यालय के साथ सम्पूर्ण झुंझुनू जिले के पत्रकार कंधे से कन्धा मिलाकर जो इन दिनों एक के बाद एक नई ऐतिहासिक मुहिम रचने में लगे हुए हैं उन्होंने इस कड़ी में एक और आयाम स्थापित कर दिया है।
परिसर की उपेक्षा, पार्क हुआ बदहाल
दरअसल बता दें कि सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय झुंझुनू परिसर की बदहाली झुंझुनू के आला अधिकारियों से भी छुपी हुई नहीं है और यहां तक की प्रभारी मंत्री भी गत दिनों अपने दौरे के दौरान इसकी सुध को लेकर दिशा निर्देश देकर गए थे लेकिन सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी अपने कक्ष सज्जा करने में ही इतने व्यस्त हो चले हैं कि उन्हें बाहर के परिसर की दुर्दशा से कोई सरोकार नहीं रहा जिसके चलते पत्रकार कक्ष और वाचनालय के सामने स्थित पार्क उपेक्षा के चलते सार संभाल के अभाव में दुर्दशा का शिकार हो चला था। इसमें बड़ी मात्रा में कूड़ा कचरा और बड़ी-बड़ी खरपतवार खड़ी हो गई थी। इसके साथ ही जो पेड़ पौधे भी लगाए गए थे उनकी निराई गुड़ाई भी समय पर नहीं हो पा रही थी लेकिन …..
पत्रकारों का नवाचार
झुंझुनू के पत्रकारों ने एक अनोखा नवाचार किया और अभी तक जो हाथ कलम चलाते थे आज उन्होंने फावड़ा भी अपने हाथ में थाम लिया। इसका सीधा सा संकेत था कि सिस्टम को एक नवाचार करके नया संकेत देना। जब जिम्मेदार लोग अपनी जिम्मेदारी को भूलकर अन्यंत्र कार्यों में व्यस्त हो जाते हैं तो ऐसी स्थिति में चौथे स्तंभ के कलमकारों ने आज अपने हाथ में फावड़ा उठा लिया और देखते ही देखते दुर्दशा के शिकार हो चले इस पार्क की तस्वीर ही बदल डाली। इसके साथ ही पत्रकारों ने इसमें रोपण किए गए पेड़ पौधों के चारो ओर गढ़े बनाकर पानी भी दिया।
बारिश भी नहीं रोक सकी जज्बा
वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज झुंझुनू जिला मुख्यालय पर सुबह से ही बारिश का दौर चालू हो गया लेकिन बारिश के बीच ही पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार पत्रकारों ने इस पार्क में आकर श्रमदान किया और इस पूरे पार्क की तस्वीर ही बदल डाली। हालांकि खराब मौसम के चलते जिला मुख्यालय के बाहर के पत्रकार इस मुहिम से नहीं जुड़ सके लेकिन जिला मुख्यालय के चंद पत्रकारों ने ही इस नवाचार को अपने अंजाम तक पहुंचा दिया।
नागरिकों के लिए संदेश
पत्रकारों का कहना है कि “अगर हर कोई अपनी जिम्मेदारी खुद निभाए, तो शहर की सूरत बदलने में वक्त नहीं लगेगा।” यह अभियान न सिर्फ परिसर को नया रूप देने का प्रयास था, बल्कि जिम्मेदारी का संदेश भी।
