झुंझुनूं में काटली नदी पुनर्जीवन की मांग तेज, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
झुंझुनूं, Shekhawati Live। शेखावाटी की जीवन रेखा मानी जाने वाली काटली नदी को फिर से जीवंत करने के लिए सरस्वती रूरल एंड अर्बन डवलपमेंट सोसाइटी के नेतृत्व में एक शिष्ट मण्डल ने जिला कलेक्टर रामावतार मीणा से मुलाकात की।
मानसून से पहले कार्रवाई की मांग
शिष्ट मण्डल ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि मानसून आने से पूर्व नदी पुनर्जीवन हेतु ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने काटली नदी के अतीत और वर्तमान की जानकारी भी दी।
“काटली नदी केवल एक जलधारा नहीं, बल्कि शेखावाटी की सांस्कृतिक और जीवन रेखा है,” – सुभाष कश्यप, संयोजक, काटली नदी बचाओ जन अभियान।
शिष्ट मण्डल में ये लोग रहे शामिल
ज्ञापन सौंपने वाले शिष्ट मण्डल में कई प्रमुख सामाजिक और राजनीतिक चेहरे शामिल थे:
- शीशराम राजोरिया – भाजपा ओबीसी मोर्चा प्रदेश मंत्री
- अजय तिवाड़ी – भाजपा के पूर्व शहर अध्यक्ष
- प्रमोद जानू – नगर परिषद पार्षद
- महिपाल सिंह नुनिया, कुबेर सिंह शेखावत, बलबीर धायल कारी – समाजसेवी
- भवानी शंकर शर्मा – भाजपा प्रदेश कार्यालय मंत्री
- एडवोकेट महेंद्र कुमावत, युधिष्ठिर सारण, नन्दकिशोर शर्मा – कानूनी सलाहकार
- विश्वम्भर पुनिया, कृष्ण कुमार जानू – भाजपा राष्ट्रीय एवं प्रदेश पदाधिकारी
स्थानीय लोगों की अपील
स्थानीय ग्रामीणों और समाजसेवियों का कहना है कि काटली नदी का सूखना न केवल पर्यावरणीय संकट है, बल्कि जल स्रोतों पर भी गंभीर असर डाल रहा है।
“अगर अभी ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी का संकट और बढ़ जाएगा,” – सुरेश भूरिया, समाजसेवी
निष्कर्ष:
काटली नदी को पुनर्जीवित करना समय की आवश्यकता है। स्थानीय संगठनों की पहल इस दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। अब देखना होगा कि प्रशासन कितनी तत्परता से कदम उठाता है।