केड पंचायत की 1500 बीघा चारागाह भूमि से हटेंगे अतिक्रमण
केड पंचायत की 1500 बीघा चारागाह भूमि अब होगी अतिक्रमण मुक्त
झुंझुनूं जिले की गुढ़ागौड़जी तहसील के केड ग्राम पंचायत क्षेत्र में स्थित केड, खटकड़, कीरपुरा और नंगली निर्बाण राजस्व गांवों की 1500 बीघा चारागाह भूमि को लेकर बड़ी कार्रवाई तय हो गई है।
तहसीलदार कुलदीप भाटी ने सभी प्रकार के कच्चे-पक्के निर्माण, खेती और अन्य अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
17 दिसंबर से शुरू होगी बड़ी कार्रवाई
अतिक्रमण हटाने की यह कार्रवाई 17 दिसंबर 2025 को बड़े पैमाने पर शुरू होगी और
सभी अतिक्रमण हटने तक लगातार जारी रहेगी।
इस दौरान मौके पर पर्याप्त पुलिस जाब्ता तैनात रहेगा।
प्रशासन ने साफ कहा है कि कार्रवाई का विरोध करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी और जेल भेजा जा सकता है।
5 साल के संघर्ष का परिणाम—सुभाष कश्यप
काटली नदी चारागाह एवं सार्वजनिक भूमि बचाओ अभियान के संयोजक सुभाष कश्यप लंबे समय से इस भूमि को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे।
उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए—
- राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा गठित सार्वजनिक भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ से पत्राचार
- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को ज्ञापन
- पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर तथा अन्य मंत्रियों और अधिकारियों को अवगत करवाया
- चारागाह भूमि को “गौ-अभ्यारण” घोषित करने की मांग
लगातार पांच वर्षों के प्रयासों के बाद अब प्रशासन ने पूर्ण कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
कानूनी प्रक्रिया पूरी, समय दिया गया
तहसीलदार भाटी ने बताया कि—
अतिक्रमणकारियों को
- नोटिस जारी किए गए,
- उनका पक्ष सुना गया,
- और उन्हें हाईकोर्ट जाने हेतु पर्याप्त समय दिया गया।
अब विधिवत कार्रवाई करते हुए 17 दिसंबर को बुलडोजर कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोग उम्मीद में—चारागाह भूमि होगी संरक्षित
गांव के लोगों का मानना है कि चारागाह मुक्त होने से—
- पशुपालकों को बड़ा लाभ मिलेगा
- चराई क्षेत्र बढ़ेगा
- गांव की पर्यावरणीय स्थिति सुधरेगी
यह कदम क्षेत्र की सार्वजनिक भूमि को संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।