अतिक्रमियों को 7 दिन की मोहलत, नहीं हटाया तो बुलडोजर चलेगा
गुढ़ागौड़जी/झुंझुनूं, झुंझुनूं जिले की केड ग्राम पंचायत की 144 हेक्टेयर चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए प्रशासन ने एक्शन मोड अपनाया है।
हाईकोर्ट और सरकार के आदेश पर कार्रवाई
यह कार्रवाई राजस्थान उच्च न्यायालय, मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री के निर्देश पर की जा रही है। पंचायत के अंतर्गत राजस्व ग्राम केड में 17.18 हेक्टेयर, नंगली निर्बाण में 21.38 हेक्टेयर, खटकड़ में 92.45 हेक्टेयर और कीरपुरा में 2.44 हेक्टेयर भूमि को चिह्नित कर अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया गया है।
अतिक्रमियों को मिली मोहलत
15 सितम्बर को जिला कलेक्टर की रात्रि चौपाल में अतिक्रमियों ने समय की मांग की थी। इसके बाद प्रशासन ने कब्जा हटाने के लिए 7 दिन की मोहलत दी है। तय समय में कब्जा नहीं हटाया गया तो प्रशासन पुलिस जाब्ते के साथ बुलडोजर चलाकर कार्रवाई करेगा और खर्चा भी अतिक्रमियों से वसूलेगा।
जनहित याचिका से शुरू हुई पहल
यह मामला समाजसेवी सुभाष कश्यप की पहल पर शुरू हुआ। उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका संख्या 10819/2018 दाखिल की थी। इसके बाद सार्वजनिक भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ में वाद दर्ज कर कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया।
सरकार के स्तर पर गंभीरता
पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने 22 जुलाई 2025 को सभी पंचायतों को चारागाह समितियों को क्रियाशील करने और अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। वहीं समाजसेवी कश्यप ने मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलकर इस भूमि को गौ अभ्यारण घोषित करने की मांग भी रखी थी।
लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई
अभियान में लापरवाही बरतने वाले ग्राम विकास अधिकारी व संबंधित कर्मियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।
अतिक्रमण का हाल
चारागाह भूमि पर पक्के मकान, दुकानें, नलकूप और अवैध खेती तक हो रही है। आरोप है कि इलाके में मवेशियों की चोरी में भी कुछ अतिक्रमियों का हाथ हो सकता है।