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मालखेत बाबा परिक्रमा: शोभावती भण्डारे में देसी प्रसादी व प्लास्टिक मुक्त सेवा

Devotees enjoy desi food at Shobhavati bhandara during Malakhet Baba Parikrama

झुंझुनूं मालखेत बाबा की 24 कोसी परिक्रमा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए परिक्रमा मार्ग पर जगह-जगह भण्डारे लगाए गए हैं। इसी कड़ी में शोभावती में श्री गणेश हनुमान सेवा समिति ने नि:शुल्क भण्डारे का आयोजन किया है।

देसी भोजन से सेवा

समिति के लगभग 50 महिला-पुरुष सदस्य गोगा नवमी से त्रयोदशी तक दिन-रात परिक्रमार्थियों की सेवा कर रहे हैं।
यहां प्रसादी में बाजरे की रोटी, देसी घी, लाल मिर्ची, कढ़ी, शक्कर और अंकुरित मोठ परोसा जाता है।

समिति के सुरेन्द्र मिश्रा ने बताया कि 2014 से यह भण्डारा शुरू किया गया था और आज हर साल 10 क्विंटल से अधिक बाजरा खपत होने लगा है।

महिला सेविकाओं की अहम भूमिका

भण्डारे में सेवा दे रहीं ऋचा मिश्रा ने कहा—
“मैं 2014 से हर साल सेवा कर रही हूं। शादी के बाद भी ससुराल वालों ने मुझे उत्साह के साथ भण्डारे में भेजा। यह अवसर हर किसी को नहीं मिलता।”

स्वच्छ भारत मिशन का पालन

यह भण्डारा पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त है।
यहां स्टील के बर्तनों में ही भोजन-चाय दी जाती है। आयोजकों ने बताया कि प्लास्टिक और पत्तल से होने वाला प्रदूषण व फसलों को नुकसान रोकने के लिए शुरुआत से ही यह परंपरा अपनाई गई है।

10–15 हजार श्रद्धालु लेते हैं लाभ

हर साल करीब 10 से 15 हजार श्रद्धालु इस भण्डारे में प्रसादी का आनंद लेते हैं। यहां विशेष मिट्टी से तैयार ब्यावर-सिरोही की बाजरी मंगवाई जाती है।

सेवा में जुटे लोग

भण्डारे में सेवा देने वालों में सुरेन्द्र मिश्रा, राधेश्याम गढ़वाल, दिव्या, ऋचा मिश्रा, पायल, सीमा मिश्रा, विक्रम सिंह, जुगल किशोर, मुरारीलाल, मंजू देवी, भगवती, विवेक, आशीष सहित कई सेवार्थी शामिल रहे।