उदयपुरवाटी। झुंझुनूं-सीकर जिले के लोहार्गल क्षेत्र में रविवार से मालकेतु बाबा की 24 कोसी परिक्रमा की शुरुआत हो गई।
ठाकुर जी की पालकी ने संभाली अगुवाई
परिक्रमा का शुभारंभ ठाकुर जी की पालकी के साथ हुआ, जो लोहार्गल से विधि-विधान के बाद प्रारंभ हुई और पहला पड़ाव किरोड़ी में रखा गया। पालकी के साथ हजारों संत-महात्मा और श्रद्धालु परिक्रमा में शामिल हुए।
परिक्रमा का धार्मिक महत्व
यह परिक्रमा गोगा नवमी से अमावस्या तक चलती है। मान्यता है कि सात धाराओं में स्नान करने से ब्रह्मा कुंड स्नान के समान फल प्राप्त होता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, अधिकमास में परिक्रमा का विशेष महत्व होता है।
सुरक्षा और व्यवस्थाएं
जिले के प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं ने श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। परिक्रमा मार्ग पर जगह-जगह पुलिस जवान तैनात किए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोका जा सके।
अमावस्या को लगेगा लक्खी मेला
परिक्रमा का समापन अमावस्या के दिन लोहार्गल सूर्यकुंड में स्नान के साथ होगा। इस दिन यहां लक्खी मेला भरता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं और धार्मिक वातावरण भक्तिमय हो जाता है।
सात प्रमुख धाराएं
श्रद्धालु परिक्रमा के दौरान सात प्रमुख धाराओं –
सूर्यकुंड, शाकंभरी, नागकुंड, टपकेश्वर, शोभावती, रघुनाथगढ़ और खोरी कुंड – में स्नान करते हैं। इसके बाद अमावस्या के दिन लोहार्गल सूर्यकुंड में स्नान कर परिक्रमा का समापन होता है।