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झुंझुनूं जिला उपभोक्ता आयोग ने मंडावा गैस हादसे पर दिया फैसला

Jhunjhunu consumer commission announces nyay table pre counseling program

मंडावा गैस सिलेंडर हादसा मामला: उपभोक्ता आयोग का बड़ा फैसला

झुंझुनूं, साल 2021 में मंडावा कस्बे में हुए गैस सिलेंडर विस्फोट में दो लोगों की मौत और कई के घायल होने के मामले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग झुंझुनूं ने बड़ा निर्णय सुनाया।

आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार मील और सदस्य प्रमेंद्र कुमार सैनी की पीठ ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और मैसर्स आर.के. भारत गैस मंडावा को जिम्मेदार ठहराते हुए 15 लाख 84 हजार 119 रुपए की बीमा राशि 6% वार्षिक ब्याज सहित देने के आदेश दिए हैं।


बीमा राशि रोकने पर कंपनियों को ठहराया जिम्मेदार

बीमा कंपनी ICICI Lombard General Insurance ने सर्वे के बाद 17 मई 2022 को यह राशि भारत पेट्रोलियम के खाते में स्थानांतरित कर दी थी।
लेकिन गैस वितरक और कंपनी ने पीड़ित परिवार को भुगतान नहीं किया, जिसके बाद परिवार ने अप्रैल 2023 में जिला आयोग में परिवाद दायर किया।

आयोग ने सुनवाई के बाद निर्णय दिया कि यह दोनों संस्थाएं नैतिक और कानूनी रूप से जिम्मेदार हैं।
इसके अलावा आयोग ने प्रत्येक परिवादी को मानसिक और शारीरिक संताप पेटे 45-45 हजार रुपए देने के आदेश भी दिए।


बीमा क्लेम की जानकारी देना कंपनियों का दायित्व

अपने फैसले में आयोग ने कहा कि एलपीजी कंपनी और वितरक का दायित्व है कि वे उपभोक्ताओं को गैस दुर्घटनाओं से सुरक्षा और बीमा क्लेम प्रक्रिया की जानकारी दें।

आयोग ने कहा कि गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, रेगुलेटर, पाइपलाइन और कनेक्शन की समय-समय पर जांच करने और लिखित सूचना जारी करने की जिम्मेदारी गैस वितरक की है।


50 हजार रुपए का दंड और जागरूकता अभियान के निर्देश

आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि कंपनी और वितरक 30 दिन के भीतर जागरूकता अभियान नहीं चलाते, तो उन्हें राज्य उपभोक्ता कल्याण कोष में 50 हजार रुपए जमा करवाने होंगे।

साथ ही गैस वितरक को अपने कार्यालय में बीमा क्लेम से जुड़ी जानकारी का बोर्ड लगाना अनिवार्य किया गया है ताकि उपभोक्ता समय पर जानकारी प्राप्त कर सकें।


आयोग की टिप्पणी

“गैस दुर्घटनाओं में पीड़ितों को बीमा क्लेम दिलवाना न केवल कानूनी, बल्कि नैतिक दायित्व भी है। उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए कंपनियों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी।”
जिला उपभोक्ता आयोग, झुंझुनूं


निष्कर्ष

यह फैसला एलपीजी उपभोक्ताओं की सुरक्षा और अधिकारों के संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। आयोग ने साफ किया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं में कंपनियों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी