झुंझुनूं जिले की खेतड़ी तहसील के जसरापुर गांव में मंगला पशु बीमा योजना 2025-26 के प्रचार का अनोखा दृश्य देखने को मिला। पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सक डॉ. योगेश आर्य स्वयं ऊंट पर सवार होकर ऊंटों के टोले में पहुंचे और हाथ में बैनर लेकर योजना का प्रचार किया।
पशुपालकों को मोबाइल ऐप से कराया पंजीकरण
डॉ. योगेश आर्य ने ऊंटपालकों, भेड़पालकों और बकरीपालकों से संवाद कर उनके एंड्रॉयड मोबाइल फोन में ‘मंगला पशु बीमा योजना 2025-26’ ऐप डाउनलोड करवाया। उन्होंने पशुपालकों को ऑनलाइन पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया समझाई ताकि वे स्वयं योजना का लाभ ले सकें।
इस दौरान अल्का चौधरी, ममता योगी सहित पशुपालक मनरूप, गुलाब, गोवर्धन और जगराम उपस्थित रहे।
विशेष बीमा शिविर भी हुए शुरू
मुख्यमंत्री मंगला बीमा योजना के पंजीकरण के बाद अब विशेष बीमा शिविर भी प्रारंभ हो चुके हैं।
- पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर पंजीकरण
- ऐप पर आवेदन के बाद दिनांकवार शिविर कैलेंडर जारी
- ग्राम स्तर पर शिविर आयोजित कर बीमा प्रक्रिया पूरी
बाकोटी पंचायत में 37 पशुओं के प्रमाण पत्र जारी
पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश आर्य ने बताया कि ग्राम पंचायत बाकोटी में आयोजित विशेष बीमा शिविर में 37 गाय-भैंस और भेड़-बकरियों के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं।
बजट में बीमा दायरा हुआ दोगुना
राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस योजना का दायरा दोगुना कर दिया है।
- प्रदेश के 42 लाख पशुओं को मिलेगा बीमा कवरेज
- इसमें 10-10 लाख गाय/भैंस, 10-10 लाख भेड़-बकरी
- और 2 लाख ऊंट वंशीय पशु शामिल
इस संबंध में प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी है।
फरवरी तक चलेंगे विशेष शिविर
- 1 दिसंबर से फरवरी अंत तक विशेष बीमा शिविर
- अब एक जनाधार से 10 ऊंटों का बीमा संभव
- ऑफलाइन आवेदन की व्यवस्था नहीं, केवल ऑनलाइन पंजीकरण
- ई-मित्र या पशुपालन विभाग कर्मियों से भी मिल सकती है मदद
शिविर में पशु चिकित्सक और बीमा सर्वे एजेंट संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। इसके बाद SIPF द्वारा बीमा पॉलिसी जारी होगी और 21 दिन का ग्रेस पीरियड रहेगा।
मंगला पशु बीमा योजना की खास बातें –
- जीरो प्रीमियम, पशुपालक को कोई प्रीमियम राशि नहीं देनी।
- एंड्रॉयड फोन से पंजीकरण, पशुपालक खुद के फोन से पंजीकरण कर सकता है।
- एक जनाधार कार्ड से 10 ऊंटों अथवा 10 भेड़ बकरियों अथवा 2 गाय भैंस का बीमा करवाया जा सकता है।
- ऊंट, गाय, भैंस की प्राकृतिक मृत्यु पर 40,000 जबकि भेड़ बकरियों की मौत पर 4,000 का बीमा क्लेम।
- पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मिलेगा योजना का लाभ।