झुंझुनूं में पत्रकारों का प्रशासन के खिलाफ उग्र विरोध, मिला संगठनों का साथ
झुंझुनूं। जिला प्रशासन द्वारा सूचना केंद्र को कथित रूप से एसीबी न्यायालय के लिए अधिग्रहण करने की योजना पर पत्रकारों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है।
पत्रकारों का आरोप है कि इस फैसले से प्रेस वार्ता कक्ष, पुस्तकालय और वाचनालय जैसी बुनियादी सुविधाएं समाप्त हो जाएंगी, जिससे पत्रकारिता कार्यों में बाधा आएगी।
पत्रकारों ने जताया तीखा विरोध
अब तक 100 से अधिक पत्रकार जिला जनसंपर्क कार्यालय (पीआरओ) के ऑफिशियल व्हाट्सऐप ग्रुप छोड़ चुके हैं।
साथ ही प्रशासन को चेताया गया है कि यदि जबरन अधिग्रहण हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
प्रेस कांफ्रेंस का बहिष्कार
सोमवार को झुंझुनूं पुलिस ने 20 से अधिक चोरियों का खुलासा किया था और इसके लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी।
लेकिन एक भी पत्रकार नहीं पहुंचा।
सिटी डीएसपी भी कोतवाली से लौटना पड़ा।
जनप्रतिनिधियों और संगठनों से मिल रहा समर्थन
इस मुद्दे पर चार दर्जन से अधिक संगठनों ने पत्रकारों को समर्थन दिया है।
साथ ही सांसद, विधायक और पूर्व विधायक भी इस विरोध में पत्रकारों के साथ खड़े हैं।
मलसीसर में एसएफआई कार्यकर्ताओं ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर विरोध दर्ज कराया और कहा,
“हर लड़ाई में तन, मन, धन से पत्रकारों के साथ खड़े रहेंगे।”
प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
पत्रकारों का कहना है कि एडीएम डॉ. अजय कुमार आर्य की भूमिका संदिग्ध है।
पूर्व कलेक्टर को गुमराह करने के बाद, अब वर्तमान कलेक्टर को भी गलत फीडबैक दिया जा रहा है।
सरकारी खबरों का बहिष्कार और अगला कदम
पत्रकारों ने सरकारी खबरों का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।
अब वे “प्रशासन की पोल खोलो” अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं, जिसमें जमीनी हकीकत उजागर की जाएगी।