उदयपुरवाटी, राजस्थान पेंशनर समाज तहसील उप शाखा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं निर्मला सीतारमण वित्त विभाग को पेंशन नियम संशोधन विधेयक 2025 को वापस लेने के संबंध में उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सोंपा है। ज्ञापन में लिखा है कि भारत सरकार ने संसद की मंजूरी के लिए वित्त विधेयक पेश करते समय भारत की संचित निधि से केंद्रीय सिविल सेवा नियमों और सिद्धांतों की मान्यता के लिए एक अध्याय शामिल किया है। राजस्थान पेंशनर समाज भारत देश में वर्ष 1972 से सम्मान अधिकारों के साथ नियमित रूप से पेंशन प्राप्त कर रहा है। जिसमें पेंशनरों के हितों पर कुठाराघात करने वाले इस वित विधेयक का पुरजोर विरोध करता है। सेवानिवृत होने वाले पेंशन भोगियों के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए उनके हितार्थ वर्तमान निर्णय से पेंशन भोगियों पर एक बड़ा झटका है। इसलिए सरकार को इस पर पुनर्विचार करने तथा वापस लेने की आवश्यकता है। बुधवार को राजस्थान पेंशनर समाज के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर राजस्थान पेंशनर समाज की उप शाखा ने केंद्र सरकार के निर्णय का घोर विरोध करते हुए इस विधेयक पर पुनर्विचार कर पेंशनरों के हित में निर्णय देने की मांग की है। ज्ञापन के दौरान पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी लक्ष्मी नारायण बड़ीवाल, कमेटी अध्यक्ष सीताराम सैनी, उपाध्यक्ष विद्याधर सैनी, मास्टर बनवारी लाल मीणा, पूर्व पटवारी रामेश्वर लाल वर्मा, पूर्व जमादार श्रीनिवास, पूर्व पटवारी गिरधारी लाल, पूर्व पटवारी मुरारी लाल, सांवरमल महरिया, नरेंद्र सिंह शेखावत, महेश पंवार, पूर्व प्रधानाध्यापक संपत कुमार भूपेश, पूर्व नर्सिंग अधीक्षक हरिराम वर्मा मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री मोदी व वित्त मंत्री को सीसीए पेंशन नियम संशोधन विधेयक 2025 को वापस लेने के संबंध में भेजा ज्ञापन
