प्रशिक्षण का उद्देश्य युवाओं को मानसिक संकट की पहचान व संवाद में सक्षम बनाना
बगड़ में युवाओं को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति किया गया जागरूक
बगड़ (झुंझुनूं), कृष्णादेवी माहेश्वरी फार्मेसी कॉलेज में मानसिक अवसाद नियंत्रण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण का उद्देश्य युवाओं को मानसिक संकट की पहचान, संवाद कौशल और सहायता की दिशा में प्रशिक्षित करना था।
वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक ने दी महत्त्वपूर्ण जानकारी
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक आशीष दूत द्वारा प्रिसेंस प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया गया। उन्होंने बताया कि मानसिक अवसाद के लक्षण पहचानकर समय रहते मदद उपलब्ध कराना आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
“हर छात्र को यह जानना जरूरी है कि किसी दोस्त या व्यक्ति में अगर अवसाद के संकेत नजर आएं, तो किस प्रकार संवेदनशील संवाद किया जाए और सही दिशा में मार्गदर्शन मिल सके,” – आशीष दूत, मनोवैज्ञानिक
प्रमुख प्रशिक्षण बिंदु रहे:
- अवसाद के चेतावनी संकेतों की पहचान
- संकटग्रस्त व्यक्ति से सहानुभूतिपूर्ण संवाद
- मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच के उपाय
- समुदाय में सहायता और जागरूकता की रणनीतियां
प्रमाण पत्र और धन्यवाद
प्रशिक्षण के अंत में सभी छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। संस्थान के प्राचार्य डॉ. विवेक कौशिक ने बताया कि छात्रों की भागीदारी उत्साहजनक रही।
टीम का योगदान सराहनीय
कार्यक्रम को सफल बनाने में मानसिक स्वास्थ्य प्रशिक्षक एमी मेवारा, किशोर मानसिक स्वास्थ्य प्रशिक्षक अभिषेक कुमार और जिला समन्वयक पंकज शर्मा का योगदान सराहनीय रहा।
“हमारा लक्ष्य है कि युवा मानसिक स्वास्थ्य को लेकर न केवल जागरूक बनें, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं,” – पंकज शर्मा, जिला समन्वयक, झुंझुनूं