शेखावाटी का सबसे बड़ा 10 दिवसीय किन्नर सम्मेलन, भव्य रस्मों के साथ शुरुआत
उदयपुरवाटी (कैलाश बबेरवाल)। शेखावाटी की पावन धरा पर गुरुवार से दुआओं, मंगल गीतों और आशीर्वाद का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। कस्बे में 10 दिवसीय अखिल भारतीय किन्नर राष्ट्रीय महाकुंभ का शुभारंभ 1 जनवरी 2026 से भव्य रूप में होने जा रहा है। यह आयोजन अब तक का झुंझुनूं जिले का सबसे बड़ा किन्नर सम्मेलन माना जा रहा है।
गुरु–शिष्य परंपरा में होगा आयोजन
यह महासम्मेलन झुंझुनूं जिला किन्नर समाज की अध्यक्ष एवं गुरु राजूहाजी की शिष्या सनम बाई के सानिध्य में आयोजित किया जा रहा है। आयोजन का उद्देश्य क्षेत्र के यजमानों की सुख-शांति, समृद्धि और खुशहाली के लिए सामूहिक आशीर्वाद प्रदान करना है।
“देशभर से आए किन्नर गुरु और शिष्य मिलकर उदयपुरवाटी व शेखावाटी की उन्नति के लिए दुआ करेंगे,”
सनम बाई किन्नर, जिला अध्यक्ष, झुंझुनूं
देशभर से उमड़ा किन्नर समाज
सम्मेलन को लेकर चुंगी नंबर 3 स्थित मैरिज गार्डन में कई दिनों से तैयारियां चल रही थीं, जिन्हें बुधवार को अंतिम रूप दिया गया।
सम्मेलन में राजस्थान सहित देश के सभी राज्यों से लगभग 3000 किन्नर भाग ले रहे हैं।
बुधवार से ही ‘जुड़ाव’ की रस्में प्रारंभ हो चुकी हैं।
इसमें जैसलमेर की विसकी नायक, फलौदी से रेशमा, जयपुर से प्रवीण नायक, पाटन से रेखा नायक सहित कई गुरु अपनी शिष्याओं के साथ पहुंच चुके हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
आयोजन की संवेदनशीलता और गरिमा को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
- निजी बाउंसरों की टीम तैनात
- प्रवेश द्वार पर सख्त निगरानी
- सीसीटीवी कैमरों से हर गतिविधि पर नजर
सीआई रामपाल मीणा ने बताया कि आयोजन स्थल पर महिला व पुरुष पुलिसकर्मियों का जाब्ता 24 घंटे तैनात रहेगा, ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे।
परंपरा और भव्यता का अनूठा संगम
सम्मेलन के दौरान प्रतिदिन विशेष धार्मिक एवं सांस्कृतिक रस्में होंगी
- पहला दिन: खिचड़ी तुलाई से शुभारंभ
- दूसरा दिन: चांदी के विशेष कुंभ कलश की स्थापना
- तीसरा दिन: गाजे-बाजे के साथ चाक पूजन
- चौथा से छठा दिन: पारंपरिक मायरा भरने की रस्म
- सातवां दिन: शहर के मुख्य मार्गों से भव्य शाही शोभायात्रा
- आठवां से दसवां दिन: सम्मेलन विश्लेषण, महाहवन व विदाई समारोह
आमजन के लिए प्रवेश समय तय
आयोजक सनम बाई ने बताया कि
- आमजन व यजमानों के लिए प्रवेश: प्रतिदिन शाम 5 से 7 बजे तक
- रात्रि 7 से 9 बजे: किन्नर समाज द्वारा विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
सम्मेलन का मुख्य आकर्षण रहेगा चांदी का कलश, शाही लवाजमे, और भव्य शोभायात्रा, जिसमें देशभर की बोलियां और संस्कृतियां एक ही छत के नीचे देखने को मिलेंगी।