एनजीटी ने राज्य सरकार को 4 हफ्ते में रिपोर्ट देने का आदेश दिया, अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।
झुंझुनूं, शेखावाटी की जीवनरेखा मानी जाने वाली काटली नदी को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने बड़ा निर्णय लिया है। NGT ने राजस्थान सरकार को निर्देश दिए हैं कि नदी में हुए सभी प्रकार के अतिक्रमण चार सप्ताह के भीतर हटाए जाएं और इसकी अनुपालन रिपोर्ट अदालत में पेश की जाए।
किस मामले में आया आदेश?
यह आदेश एनजीटी भोपाल पीठ ने निष्पादन याचिका संख्या 03/2025, मूल आवेदन संख्या 59/2024 में पारित किया है।
मामला: अमित कुमार बनाम राजस्थान राज्य व अन्य।
अगली सुनवाई की तारीख: 15 दिसंबर 2025।
ड्रोन फोटो से हुआ खुलासा
“काटली नदी बचाओ जन अभियान” के संयोजक सुभाष कश्यप ने झुंझुनूं जिले में काटली नदी पर हुए अतिक्रमणों की ड्रोन फोटोग्राफी के माध्यम से प्रमाण प्रस्तुत किए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन ने केवल कुछ अतिक्रमणों को चिन्हित कर NGT को अधूरी रिपोर्ट भेजी है।
क्या बोले संयोजक?
सुभाष कश्यप ने कहा:
“हमने सरकार और न्यायालय से आग्रह किया है कि सभी अतिक्रमणों को चिन्हित किया जाए और जो राजस्व अधिकारी/कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं, उन पर भी कार्यवाही की जाए।“
काटली नदी का महत्व
- काटली नदी शेखावाटी क्षेत्र की प्रमुख नदी है
- यह सीकर, झुंझुनूं और चूरू जिलों से होकर बहती है
- मानसून में नदी बहती है, लेकिन वर्ष भर इसका उपयोग भूजल रिचार्ज और पारिस्थितिकी के लिए होता है
निष्कर्ष
NGT का यह फैसला शेखावाटी क्षेत्र के पर्यावरणीय संरक्षण और जल स्रोतों की रक्षा की दिशा में एक अहम कदम है। यदि सही ढंग से क्रियान्वयन होता है, तो काटली नदी को अतिक्रमण मुक्त किया जा सकता है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए इसका जल एवं पारिस्थितिक महत्व सुरक्षित रह सकेगा।