Posted inJhunjhunu News (झुंझुनू समाचार)

नोबल की छात्रा योगिता को मेरिट में आने पर स्कूल ने दी स्कूटी

Noble Academy honors Yogita with a scooty in Bhirr village

झुंझुनूं, नोबल प्रतिभा सम्मान यात्रा अपने पहले चरण में भीर गांव में पहुंची। इस अवसर पर नोबल की होनहार छात्रा योगिता को मेरिट में आने और समाज में प्रेरणादायक उदाहरण बनने के लिए स्कूल की ओर से स्कूटी पुरस्कार स्वरूप भेंट की गई। योगिता ने बोर्ड मेरिट में 10वाँ स्थान प्राप्त कर स्कूल का नाम रोशन किया है।

भव्य आयोजन, गांववालों का जोरदार स्वागत
स्कूटी वितरण समारोह भीर गांव के आईटी सेंटर के पास संपन्न हुआ, जहाँ ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। गांववालों ने नोबल प्रतिभा सम्मान यात्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया। तालियों की गूंज और योगिता की आत्मविश्वास भरी मुस्कान ने इस पल को यादगार बना दिया।

“बेटियाँ जब उड़ान भरती हैं…”
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ।

  • डॉ संदीप नेहरा (शैक्षणिक सामूहिक निदेशक) ने कहा, “बेटियाँ जब उड़ान भरती हैं तो पूरा गाँव रोशन होता है। योगिता हर उस बच्ची की प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करना चाहती है।”
  • डिप्टी डायरेक्टर अशोक शर्मा ने कहा, “ये स्कूटी योगिता के सफर की रफ्तार नहीं, बल्कि समाज के सोच में बदलाव की रफ्तार है।”

गांववालों की आंखें हुईं नम
डॉ नेहरा ने योगिता के संघर्ष की कहानी सुनाई तो गांववालों की आंखें नम हो गईं। इस मौके पर भीर गांव के सरपंच शीशराम ने योगिता को 5100 रुपए का नगद पुरस्कार देकर गांव की तरफ से सम्मानित किया।

नोबल परिवार का संदेश
नोबल चिल्ड्रन एकेडमी बुहाना के प्रधानाचार्य नवीन चौधरी ने कहा, “हर बेटी शिक्षित हो, आत्मनिर्भर हो, यही नोबल परिवार का सपना है। यह स्कूटी सिर्फ योगिता का नहीं, पूरे गांव की उम्मीदों का सम्मान है।”

सांस्कृतिक कार्यक्रम और जलपान
इस कार्यक्रम में रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने समां बांधा। गांव वालों के लिए जलपान की भी विशेष व्यवस्था की गई। कार्यक्रम में चेयरपर्सन संतोष नेहरा, अकादमिक हैड सुमन नेहरा, प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार यादव समेत स्टाफ के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

हजारों ग्रामीणों की उपस्थिति
अंत में, गांव के उम्मेद श्योराण, ईश्वर मान, रघुवीर मान, अनिल मान, संतोष, शीशराम समेत हजारों ग्रामीणों ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। यह दिन न सिर्फ योगिता के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए प्रेरणा और गौरव का दिन बन गया।