झुंझुनूं जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग 21 दिसम्बर को आयोजित होने वाली वर्ष 2025 की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए तैयारियों में जुट गया है।
इस बार भी आयोग में न्याय टेबल लगाई जाएगी ताकि अधिक से अधिक उपभोक्ताओं को त्वरित राहत मिल सके।
न्याय टेबल मॉडल से मिले सकारात्मक परिणाम
उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार मील ने बताया कि पिछले वर्षों में न्याय टेबल नवाचार के ज़रिए बड़े स्तर पर प्रकरणों का निस्तारण संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि—
“न्याय टेबल से उपभोक्ताओं और सेवा प्रदाताओं को आमने-सामने बैठाकर समाधान निकालना आसान होता है। इससे लोक अदालत की भावना मजबूत होती है।”
15 दिसम्बर से शुरू होगी सप्ताहभर की प्री-काउंसलिंग
राष्ट्रीय लोक अदालत से पहले आयोग 15 दिसम्बर से प्री-काउंसलिंग कार्यक्रम शुरू करेगा।
यह कार्यक्रम पूरे सप्ताह चलेगा, ताकि अधिकतम लंबित प्रकरणों को पहले ही समझाइश के जरिए हल किया जा सके।
अध्यक्ष मील के अनुसार—
“त्वरित न्याय सिद्धांत और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए हम पीड़ित उपभोक्ताओं व सेवा प्रदाताओं को एक टेबल पर बैठाकर विवाद सुलझाने का प्रयास करेंगे।”
उपभोक्ताओं को क्या मिलेगा लाभ?
- समय से पहले केस का निस्तारण
- दोनों पक्षों के बीच सीधे संवाद से विवाद का त्वरित समाधान
- राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक प्रकरण निपटने की संभावना
- लंबी कानूनी प्रक्रिया से राहत