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झुंझुनूं में 60वाँ फिल्लौरा दिवस: शौर्य और बलिदान को नमन

Veterans celebrate 60th Phillora Day in Jhunjhunu with tributes

250 पूर्व सैनिक जुटे, शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित

झुंझुनूं। वीरभूमि झुंझुनूं ने एक बार फिर इतिहास को जिंदा किया, जब यहां 1965 के भारत-पाक युद्ध की फिल्लौरा गाथा की 60वीं वर्षगांठ बड़े ही गौरवपूर्ण माहौल में मनाई गई। यह आयोजन केवल एक समारोह नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति और सैनिक परंपरा का संगम था।

पूना हॉर्स परिवार का मिलन

इस विशेष अवसर पर पूना हॉर्स रेजिमेंट के करीब 250 पूर्व सैनिक एकत्र हुए। वेटरन्स ने कहा कि “सैनिक कभी सेवानिवृत्त नहीं होता, उसका जज़्बा जीवनभर जीवित रहता है।”

1965 का फिल्लौरा युद्ध

14 सितम्बर 1965 का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से दर्ज है। इसी दिन भारतीय सेना की पूना हॉर्स रेजिमेंट ने पाकिस्तानी ताकतों को पीछे धकेलकर विजय हासिल की। इस युद्ध ने भारतीय सेना की प्रतिष्ठा को और ऊंचा उठाया और पूना हॉर्स को “फख़्रे हिंद” की उपाधि मिली।

मुख्य अतिथि और श्रद्धांजलि

समारोह में ले. जनरल राजन बक्शी, मेजर जनरल विजय सिंह, ब्रिगेडियर के.एस. राठौर, कर्नल अजय सिंह और रिसालदार मेजर ऑनरी लेफ्टिनेंट भंवर सिंह शामिल रहे।
सभी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और अपने संस्मरण साझा किए।

शौर्य और बलिदान को नमन

समारोह की शुरुआत शहीदों की स्मृति में मौन रखकर की गई। शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित किया गया। मंच से यह भावुक घोषणा हुई –
“आपके बेटे/भाई/पिता ने केवल परिवार का नहीं, पूरे राष्ट्र का मान बढ़ाया है।”

वेटरन्स की भावनाएँ

एक वरिष्ठ पूर्व सैनिक ने कहा –
“फिल्लौरा केवल युद्ध नहीं, बल्कि हमारी आत्मा का हिस्सा है।”

दूसरे ने जोड़ा –
“आज भी हमें गर्व है कि हम उस ऐतिहासिक गाथा के साक्षी रहे।”

राजस्थान की वीरभूमि का योगदान

झुंझुनूं, सीकर, नागौर और झालावाड़ जैसे जिले सदैव देश को वीर सपूत देते आए हैं। झुंझुनूं में आयोजन होना इस परंपरा का प्रमाण है।

भविष्य की पीढ़ियों के लिए संदेश

अधिकारियों ने कहा कि युवाओं को देशभक्ति, अनुशासन और त्याग जैसे मूल्यों से जोड़ा जाना चाहिए।
ले. जनरल राजन बक्शी ने कहा –
“सैनिक का जीवन वर्दी उतारने के बाद भी राष्ट्र के लिए समर्पित रहता है।”

समापन

समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। उपस्थित वेटरन्स ने संकल्प लिया कि फिल्लौरा दिवस हर वर्ष और अधिक भव्यता से मनाया जाएगा।