तालाब बस स्टैंड पर AIKKMS व AIDYO का संयुक्त पर्यावरणीय विरोध
पिलानी (मनीष शर्मा) में अरावली पर्वत श्रृंखला को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में रविवार को जोरदार जनाक्रोश प्रदर्शन किया गया।
AIKKMS और AIDYO के संयुक्त आह्वान पर तालाब बस स्टैंड पर आयोजित इस प्लेकार्ड प्रोटेस्ट में बड़ी संख्या में आम नागरिक, पर्यावरण प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।
“अरावली बचाओ – जीवन बचाओ” के नारे
प्रदर्शन के दौरान लोगों ने हाथों में
“अरावली बचाओ – जीवन बचाओ”,
“पर्यावरण नहीं तो भविष्य नहीं”
जैसे नारों वाली तख्तियां लेकर शांतिपूर्ण लेकिन प्रभावी विरोध दर्ज कराया।
फैसले पर गंभीर आपत्ति
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि हालिया निर्णय में अरावली पर्वतमाला की परिभाषा सीमित करते हुए केवल 100 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों को ही अरावली मानने की व्याख्या की गई है
उनका कहना है कि इससे
- कई छोटी पहाड़ियां कानूनी संरक्षण से बाहर हो जाएंगी,
- खनन गतिविधियों,
- अवैध निर्माण,
- और पर्यावरण विनाश को बढ़ावा मिल सकता है।
“उत्तर भारत की प्राकृतिक ढाल है अरावली”
AIKKMS और AIDYO से जुड़े वक्ताओं ने कहा कि अरावली पर्वत श्रृंखला राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए प्राकृतिक ढाल का कार्य करती है।
अरावली रेगिस्तान के फैलाव को रोकने,
भू-जल संरक्षण,
वर्षा चक्र संतुलन
और जलवायु स्थिरता में अहम भूमिका निभाती है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं हुआ तो आने वाले वर्षों में गंभीर पर्यावरणीय संकट खड़ा हो सकता है।
जन आंदोलन का रूप
प्रदर्शन में शंकर, दया, संदीप शर्मा, विष्णु वर्मा, महावीर प्रसाद शर्मा, नवीन एडवोकेट, राजेंद्र सिहाग सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
महिलाओं, पुरुषों, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की भागीदारी ने इस विरोध को जन आंदोलन का स्वरूप दे दिया।
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि अरावली से जुड़े इस निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया गया, तो आंदोलन को और व्यापक स्तर पर ले जाया जाएगा।
उन्होंने दो टूक कहा कि पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा।