सूरजगढ़, आदर्श समाज समिति इंडिया के कार्यालय पर शनिवार को देश की दो महान विभूतियों—बाबू जगजीवन राम और प्रथम महिला बैरिस्टर कार्नेलिया सोराबजी—की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। कार्यक्रम में दोनों विभूतियों के जीवन संघर्ष और योगदान को याद किया गया।
बाबू जगजीवन राम: दलितों के मसीहा और राष्ट्र निर्माता
समिति अध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने बाबू जगजीवन राम के राजनीतिक और सामाजिक योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा,
“उन्होंने जातिवाद के दंश को सहा, लेकिन कभी किसी जाति-धर्म के खिलाफ जहर नहीं बोला।”
उन्होंने कहा कि बाबूजी न सिर्फ भारत के पहले श्रम मंत्री, बल्कि संविधान सभा के सदस्य, हरित क्रांति के जनक और 1971 भारत-पाक युद्ध के दौरान रक्षा मंत्री भी रहे। वे देश के पहले दलित उप-प्रधानमंत्री बनने का गौरव भी रखते हैं।
बैरिस्टर कार्नेलिया सोराबजी: कानून और महिला अधिकारों की अग्रदूत
धर्मपाल गांधी ने बताया कि कार्नेलिया सोराबजी भारत की पहली महिला बैरिस्टर थीं।
“उन्होंने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और ऑक्सफोर्ड से लॉ की डिग्री लेकर इतिहास रचा।”
उनके प्रयासों से ही महिलाओं को वकालत करने का अधिकार मिला। वे न केवल बैरिस्टर, बल्कि एक समाज सुधारक और लेखिका भी थीं। उनकी मृत्यु 6 जुलाई 1954 को लंदन में हुई थी।
कार्यक्रम में रही यह उपस्थिति
इस श्रद्धांजलि सभा में समिति अध्यक्ष धर्मपाल गांधी, प्रताप सिंह तंवर, दरिया सिंह डीके, रणवीर सिंह, राकेश, सुनील गांधी सहित कई सदस्य मौजूद रहे। सभी ने इन महान आत्माओं को नमन करते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।