सूरजगढ़, झुंझुनूं। भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ के अवसर पर साहित्यकार एवं इतिहास शोधकर्ता धर्मपाल गांधी ने दिल्ली स्थित राजघाट पर पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुष्प अर्पित कर नमन किया। उन्होंने इस दिन को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में मनाते हुए देशवासियों को स्वतंत्रता संग्राम की भावना से जुड़ने का संदेश दिया।
स्वतंत्रता संग्राम पर कर रहे हैं शोध
धर्मपाल गांधी आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष हैं और पिछले कई वर्षों से स्वतंत्रता आंदोलन पर शोध कर रहे हैं। उन्होंने देशभर के ऐतिहासिक स्थलों व संग्रहालयों का भ्रमण कर स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी जानकारियां एकत्र की हैं। इस पर आधारित चार पुस्तकें अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं।
“करो या मरो” का दिया गया था आह्वान
धर्मपाल गांधी ने बताया कि महात्मा गांधी ने 8 अगस्त 1942 को बम्बई के गोवालिया टैंक मैदान से ‘करो या मरो’ का नारा देकर भारत छोड़ो आंदोलन का आगाज किया था। इस आंदोलन ने देश की आजादी की अंतिम लड़ाई का रूप लिया।
“महात्मा गांधी के नेतृत्व में सभी धर्म, जाति और वर्गों के लोग आज़ादी के लिए सड़कों पर उतरे। इस आंदोलन ने ब्रिटिश हुकूमत की नींव हिला दी,” – धर्मपाल गांधी
किसान घाट पर चरण सिंह को भी दी श्रद्धांजलि
राजघाट पर पुष्पांजलि के बाद किसान घाट जाकर धर्मपाल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर पीएल कटारिया, निर्मेश त्यागी, उप सरपंच राकेश कुमार, अमित कुमार सिंह, राजदीप सिंह व दरिया सिंह डीके सहित कई लोग उपस्थित रहे।