झुंझुनूं, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर जिले में संचालित बाल वाहिनियों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण प्राधिकरण सचिव डॉ. महेंद्र सिंह सोलंकी और जिला परिवहन अधिकारी मोनू सिंह मीणा की टीम द्वारा जिला मुख्यालय पर किया गया।
डॉ. सोलंकी ने बताया कि बच्चों को क्षमता से अधिक संख्या में ले जाना कानूनी अपराध होने के साथ-साथ बच्चों की जान के लिए गंभीर खतरा है। इसी उद्देश्य से बाल वाहिनियों की कड़ाई से सुरक्षा जांच की गई।
वाहनों की फिटनेस, सुरक्षा उपकरणों और दस्तावेजों की जांच
निरीक्षण के दौरान निम्न बिंदुओं पर विशेष जांच की गई—
- वाहन का पीला रंग व “School Duty” लिखा होना
- चालक और विद्यालय का विवरण प्रदर्शित होना
- फ़र्स्ट एड बॉक्स, अग्निशमन यंत्र
- GPS सिस्टम और आपातकालीन निकास
- विशेष बच्चों के लिए आवश्यक सुविधाएँ
- चालक व सहायक का वैध लाइसेंस और पहचान
- क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाया जाना
- समय–समय पर मेडिकल परीक्षण
- बाल वाहिनी की समग्र फिटनेस
- सुरक्षित चढ़ने–उतरने की जगह
- वाहन की गति निर्धारित सीमा में होना
निरीक्षण में कई वाहनों में सुरक्षा मानकों की कमी पाई गई।
दो बाल वाहिनियों के चालान जारी, 10 दिन में सुधार के निर्देश
जांच के दौरान परिवहन विभाग ने नियम उल्लंघन पाए जाने पर दो बाल वाहिनियों का चालान किया।
साथ ही स्कूल संचालकों और ड्राइवरों को 10 दिनों में सभी खामियाँ दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए।
डॉ. सोलंकी ने कहा—
“निर्धारित मानकों के अनुरूप बाल वाहिनियों का संचालन नहीं होना गंभीर जनहानि का कारण बन सकता है। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं।”
अभिभावकों से भी की अपील
प्राधिकरण सचिव ने अभिभावकों, स्कूल प्रबंधकों और वाहन चालकों से अपील की कि—
- क्षमता से अधिक बच्चों को न बैठाएं
- वाहन की फिटनेस व सुरक्षा उपकरणों की नियमित जांच कराएं
- किसी भी प्रकार की ओवरलोडिंग, लापरवाही या नियम उल्लंघन दिखे तो तुरंत संबंधित विभाग को सूचना दें
उन्होंने बताया कि यह अभियान का पहला दिन है और आगे भी ऐसी जांचें नियमित की जाएंगी।