चिड़ावा (झुंझुनूं), शेखावाटी नहर आंदोलन ने 538वें दिन में प्रवेश कर लिया। किसान सभा के बैनर तले लालचौक बस स्टैंड पर जारी आंदोलन में किसानों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और वोट बहिष्कार की चेतावनी दी।
किसान बोले – वोटों पर झुकी सरकार, पानी पर चुप्पी
आंदोलन की अध्यक्षता प्रभुराम सैनी ने की जबकि क्रमिक अनशन पर तहसील अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह चाहर बैठे।
किसानों ने नारा दिया –
“किसानों की पुकार नहीं सुनती सरकार,
जब आए वोटों की दरकार, तो घुटनों के बल आए सरकार!”
अखबार में छपी खबर ने भड़काया आक्रोश
किसानों का आक्रोश तब और बढ़ गया जब रिपोर्ट में यह सामने आया कि
“यमुना नहर 2028 में आएगी”।
प्रवक्ताओं ने कहा कि सरकार और नेता दोनों उदासीन हैं, जबकि शेखावाटी सूख रहा है।
वोट बहिष्कार की अपील, किसान झंडे के नीचे आने का आह्वान
प्रवक्ता विजेन्द्र शास्त्री ने कहा,
“अब समय आ गया है कि जनता एकजुट होकर वोट बहिष्कार करे।
अगर एक बार किसान सभा के झंडे तले मतदान नहीं किया गया,
तो बारह महीने में नहर शेखावाटी पहुंचेगी,
और सरकार खुद यहां घुटनों के बल आ जाएगी।”
आंदोलनकारियों की उपस्थिति
धरने में शामिल प्रमुख नाम:
सत्यवीर योगी, हरपाल चाहर, सुरेन्द्र शर्मा शाहपुर, महेंद्र नायक बामनवास, योगेश पारसनगर, सुमेर, जयपाल (सालम का बास), विकास (कलगांव), संजय तंवर आदि।