झुंझुनूं में चल रहे मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR-2026) अभियान के दौरान अचानक बढ़ाए गए अपलोडिंग टारगेट को लेकर बीएलओ और बी-सुपरवाइज़र भड़क गए।
शनिवार सुबह झुंझुनूं और मंडावा के 200 से अधिक बीएलओ कलेक्ट्रेट पहुंचे और काम रोककर प्रदर्शन किया।
बीएलओ का आरोप था कि उन्हें असंभव अपलोडिंग टारगेट, WhatsApp ग्रुप पर कार्रवाई की धमकी, और “घोर लापरवाही” जैसे शब्दों से दबाव में काम कराया जा रहा है।
टारगेट 50 से बढ़कर रातोंरात 150 तक पहुंचा
शुरुआत में बीएलओ को 50 फॉर्म प्रतिदिन अपलोड करने के निर्देश थे।
शुक्रवार शाम इसे बढ़ाकर 100 किया गया।
लेकिन रात 9:45 बजे अचानक नया आदेश आया कि टारगेट 150 फॉर्म प्रतिदिन कर दिया गया है।
बीएलओ के मुताबिक:
“हमने पहले ही बताया कि एक दिन में 50–60 फॉर्म से ज्यादा अपलोड संभव नहीं। इसके बावजूद टारगेट तीन गुना कर दिया गया।”
WhatsApp ग्रुप पर संदेश—“100% से कम अचीवमेंट रहा तो कार्रवाई होगी”
शुक्रवार रात एक सुपरवाइजर ग्रुप में संदेश आया:
“आज किसी भी बीएलओ का अचीवमेंट 100% से कम रहा तो एRO/एयरो के तहत कार्रवाई होगी।”
इस संदेश ने कर्मचारियों को और नाराज़ कर दिया।
मंडावा में 134 बीएलओ को नोटिस भी जारी किए गए, जिनमें घोर लापरवाही शब्द का इस्तेमाल हुआ।
कर्मचारियों ने इसे अपमानजनक बताया।
बीएलओ बोले—चार दिन देरी से मिले फॉर्म, फोटो भी उपलब्ध नहीं
बीएलओ कर्मवीर पूनिया ने बताया:
- फॉर्म चार दिन देरी से मिले
- कई लाभार्थियों के फोटो उपलब्ध नहीं
- अधिकारी मौखिक रूप से बिना फोटो फॉर्म अपलोड करने को कह रहे
- कई बीएलओ को अपनी जेब से फोटो खिंचवानी पड़ रही है
उन्होंने कहा:
“21 नवंबर तक काम पूरा करने का मौखिक आदेश दिया जा रहा है, जबकि असली अंतिम तिथि 4 दिसंबर है। इतना दबाव हमारी मानसिक स्थिति पर असर डाल रहा है।”
‘4 दिसंबर तक जिंदा रहूंगा या नहीं पता’—थके और परेशान बीएलओ का संदेश
एक बीएलओ ने ग्रुप में लिखा:
- उसके क्षेत्र में 18,000 वोटर
- दिनभर में उसे चार रेलवे फाटक (गुढ़ा, बाकरा, रीको, पुलिस लाइन) कई बार पार करने पड़ते हैं
- ऐप बार-बार हैंग हो जाता है
उसने लिखा:
“150 फॉर्म रोज अपलोड करना असंभव है… 4 दिसंबर तक जिंदा रहूंगा या नहीं पता।”
प्रशासन मौके पर पहुंचा, एक घंटे में दिक्कत सुलझी
सुबह 10 बजे एसडीएम कौशल्या बिश्नोई और तहसीलदार महेंद्र मूंड कलेक्ट्रेट पहुंचे और कर्मचारियों से बातचीत की।
कर्मचारियों ने कहा कि वे अभियान का विरोध नहीं कर रहे, केवल वास्तविक टारगेट और समय चाहते हैं।
उन्होंने यह मांगें रखीं:
- फोटो बिना फॉर्म अपलोड न कराया जाए
- जल्दबाजी में जारी नोटिस वापस लिए जाएं
- कार्रवाई की धमकी बंद हो
सबको जिला परिषद सभागार ले जाकर बातचीत हुई।
एडीएम अजय आर्य ने बताया:
“सभी बीएलओ से बात कर ली है। समस्याएं सुनी गई हैं। सभी दोबारा काम पर लौट चुके हैं।”
निष्कर्ष
झुंझुनूं में SIR-2026 के दौरान टारगेट बढ़ाए जाने और दबावपूर्ण वातावरण ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया।
हालांकि प्रशासन की त्वरित हस्तक्षेप और बातचीत के बाद स्थिति सामान्य हुई,
और सभी कर्मचारी फिर से काम पर लौट आए।