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12 साल में पिता सहित छः बेटो की अज्ञात बीमारी से अल्पायु में मृत्यु

नेवरी की कोशल्या देवी को चैंक वितरण करते पशु चिकित्सक प्रदीप कुमार महला

मां ,बेटा दानें – दानें के मोहताज ,आपणी मानवता बन रही है मददगार

दांतारामगढ़, [लिखा सिंह सैनी] शेखावाटी अंचल का सिरियासार कलां जिला झुंझुनूं के  स्व. फुला राम  मीणा   जिनकी उम्र लगभग 50 साल थी, जो मेहनत मजदूरी करके अपने घर का पालन पोषण कर रहे थे, कृषि के नाम पर मात्र डेढ बीघा जमीन है जो असिंचित है,इनके सात बच्चे  हुए । इस परिवार पर कुदरत का कहर बरसना शुरू हुआ जिसमें सबसे बड़े पुत्र की मौत 12 साल पहले हो गयी थी, बच्चे की बीमारी पर जो कमाया हुआ वो सारा पैसा खर्च हो गया और आखिरकार बड़ा बेटा अकाल मृत्यु को प्राप्त हुआ इसी तरह दूसरे बेटे को भी बीमारी ने घेरा और उसका भी इलाज करवाने के बाद भी अकाल मृत्यु से नही बचा पाए,इसी प्रकार तीसरा चौथा पांचवा छठा बेटो की अकाल मृत्यु हो गयी, जो छठे बच्चे की मौत 19 साल की उम्र में अभी मार्च 2020 को हो गयी, आखिरकार फुला राम  खुद पिछले तीन साल से कई प्रकार की बीमारियों से जूझते हुवे  सात जुलाई 2020 को अकाल मृत्यु को प्राप्त हो गए,  इनकी परिवार की स्थिति हमेशा से बहुत ही खराब रही है, इनके कुल 7 बच्चे हुवे है जिनमे 6 बच्चे अज्ञात बीमारी से लगातार गुजर चुके हैं इनमें  7 वां  बच्चा अभी 14 साल का हुआ है जो 10 वीं क्लास में पढ़ रहा है, अभी घर में ये 2 लोग हैं। जिनका पालन पोषण करने वाला कोई नही है । दोनों सदस्य दाने- दानें के मोहताज हो रहे है । मीणा परिवार के आखिर वंश को बचाने के लिए आपणी मानवता सेवा संस्थान राजस्थान पीड़ित परिवार के आखिरी संतान मुलचंद का अच्छे से अच्छे डाक्टर से ईलाज कराकर बचाने का प्रयास करेगा व दोनों सदस्यों के खाने पिने की सामान की अच्छी व्यवस्था करने के लिए मदद की मुहिम शुरू कर रखी है  इसलिए आप सभी  सदस्यों से भी गुजारिश है कि स्वयं आगे आकर इस परिवार की मदद करे,ओर ज्यादा से ज्यादा लोगो को भी मदद करवाने के लिए आगे लाये।