बुहाना (झुंझुनूं), स्मार्ट मीटरों की जबरन स्थापना, फसल खराबे के मुआवजे और बाजरे की खरीद की गारंटी सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर किसानों ने बुहाना तहसील कार्यालय के बाहर धरना दिया। इस दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
किसानों का आक्रोश
धरने को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव कामरेड रामचंद्र कुलहरि ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिजली सुधार कानून 2023 लाकर निजीकरण का रास्ता खोला है। स्मार्ट मीटर लगाने की कार्रवाई से जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा और सब्सिडी खत्म हो जाएगी।
महासभा के जिला अध्यक्ष कामरेड ओमप्रकाश झारोड़ा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार 10 हजार करोड़ रुपये के चालू इलेक्ट्रॉनिक मीटर हटाकर 14 हजार करोड़ रुपये के स्मार्ट मीटर लगाने की योजना बना रही है, जिसे किसान व आमजन स्वीकार नहीं करेंगे।
धरने में शामिल किसान नेता
धरने को कामरेड मनफूल सिंह, कामरेड विद्याधर सिंह गर्सा, कामरेड लालाराम जांगिड़, रामलाल कुमावत नरांत, हरी सिंह वेदी, रामचंद्र नेहरा, रोहतास यादव, जसवीर सिंह नेहरा, सुरेश यादव, अशोक नेहरा, सोमवीर दोचानिया, पवन कुमार, जगदीश और उम्मेद सिंह राव (सरपंच) सहित कई किसान नेताओं ने संबोधित किया।
किसानों की पांच बड़ी मांगें
- स्मार्ट मीटर हटाओ – जबरन लगाने की कार्रवाई बंद हो।
- फसल मुआवजा – अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों की गिरदावरी कर मुआवजा दिया जाए।
- यमुना नहर का पानी – झुंझुनूं जिले में शीघ्र लाया जाए।
- बाजरे की खरीद – एमएसपी पर गारंटी दी जाए।
- लंबित मुआवजा – 2022-23 में शीतलहर व ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को मुआवजा मिले।
ज्ञापन सौंपा गया
धरने के बाद किसान प्रतिनिधिमंडल ने उपखंड अधिकारी बुहाना को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की अपील की।