स्मार्ट मीटर विवाद ने पकड़ा तूल
झुंझुनूं जिले में स्मार्ट मीटर को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया कि विद्युत वितरण निगमों की चेयरपर्सन आरती डोगरा का आदेश केवल जन आक्रोश को शांत करने का प्रयास है, असल समस्या का समाधान नहीं।
कल होगा बड़ा फैसला
मोर्चा ने घोषणा की है कि 30 अगस्त को शिक्षक भवन झुंझुनूं में जिले की विस्तृत संघर्ष समिति का गठन किया जाएगा। इसमें सभी संघर्षशील संगठनों और व्यक्तियों को शामिल कर भावी आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।
निजीकरण का आरोप
मोर्चा के प्रवक्ताओं फूलचंद बर्वर और रामचंद्र कुलहरि ने कहा कि स्मार्ट मीटर जबरन थोपे जा रहे हैं ताकि बिजली वितरण कंपनियों को मुनाफे में लाकर बेचा जा सके।
उन्होंने कहा कि बिजली सुधार कानून 2023 के जरिए बिजली को राज्यों के अधिकार क्षेत्र से हटाकर केंद्र के हाथों में सौंपा जा रहा है। इसका मकसद बिजली के निजीकरण की दिशा में कदम बढ़ाना है।
किसानों का आह्वान
संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ किया कि स्मार्ट मीटर विरोधी आंदोलन किसी भी हाल में कमजोर नहीं होगा। जिलेभर में किसानों और आम जनता से अपील की जा रही है कि वे आंदोलन को मजबूत करें।