झुंझुनूं, स्मार्ट मीटर लगाने के विरोध में झुंझुनूं के बिजली उपभोक्ताओं ने अब मोर्चा खोल दिया है।
भगतसिंह पार्क, इंदिरा नगर में शुक्रवार को एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय उपभोक्ता और नागरिक शामिल हुए। बैठक में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि शहर में पुराने, सुचारू रूप से कार्यरत मीटरों को हटाकर जबरन प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।
स्मार्ट मीटरों को लेकर क्या हैं आपत्तियां?
बैठक में वक्ताओं ने कहा—
- स्मार्ट मीटर तेज़ चलते हैं, जिससे बिजली बिल दोगुना-तीन गुना तक बढ़ रहा है।
- प्रत्येक स्मार्ट मीटर की कीमत ₹25,000 से ₹30,000 तक है, जो किश्तों में उपभोक्ताओं से वसूली जाएगी।
- स्मार्ट मीटर लगाने का उद्देश्य कॉरपोरेट कंपनियों को लाभ पहुंचाना और जनता से अधिक पैसा वसूलना है।
- निजीकरण से सब्सिडी खत्म होगी, जिससे बिजली और अधिक महंगी हो जाएगी।
संघर्ष समिति का गठन और आंदोलन की घोषणा
बैठक में बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति का गठन किया गया, जिसमें संयोजक मंडल में शामिल किए गए:
- फूलचंद ढेवा
- रशीद अहमद
- बजरंग लाल एडवोकेट
- प्रदीप चंदेल
- मधु खन्ना
- सहदेव कसवां
- युनूस अली भाटी
इसके अतिरिक्त 25 उपभोक्ताओं को सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया।
24 जुलाई को विरोध प्रदर्शन
संघर्ष समिति ने निर्णय लिया है कि 24 जुलाई को झुंझुनूं के बगड़ रोड स्थित सहायक अभियंता कार्यालय के सामने धरना और जनसभा आयोजित की जाएगी।
फूलचंद ढेवा ने कहा,
“यह आम जनता की लूट है। जब तक यह फैसला वापस नहीं होता, हम शांत नहीं बैठेंगे।”
बजरंग लाल एडवोकेट ने जोड़ा,
“स्मार्ट मीटर नहीं, स्मार्ट लूट है। इसका विरोध हर मोहल्ले में होगा।”