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Jhunjhunu News: झुंझुनूं में स्मार्ट मीटर विरोध: रैली, बाजार बंद व सम्मेलन तय

Jhunjhunu smart meter protest meeting in Ambedkar Park with leaders

झुंझुनूं। जिले में स्मार्ट मीटर जबरन लगाने के खिलाफ आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। अंबेडकर पार्क में विभिन्न जन संगठनों, व्यापारिक संगठनों, किसान-मजदूर नेताओं और जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता बजरंग लाल नेहरा (पूर्व प्रधान, बुहाना पंचायत समिति) ने की।

आंदोलन की रणनीति तय

बैठक में तय हुआ कि आंदोलन को जिला स्तर से आगे बढ़ाकर राज्य स्तरीय संघर्ष समिति के साथ जोड़ा जाएगा। इस क्रम में:

  • 18 अगस्त को वाहन रैली निकाली जाएगी।
  • 20 अगस्त को झुंझुनूं जिला बाजार बंद रहेगा।
  • 30 अगस्त को शिक्षक भवन में बड़ा सम्मेलन आयोजित होगा।

जिम्मेदारियों का बंटवारा

बैठक में आंदोलन को सफल बनाने के लिए विभिन्न समितियों को जिम्मेदारियां सौंपी गईं। नेताओं ने कहा कि आमजन पर जबरन स्मार्ट मीटर थोपना सही नहीं है और यह आम जनता की जेब पर बोझ है।

नेताओं और संगठनों ने दिया समर्थन

बैठक को कई नेताओं ने संबोधित किया, जिनमें प्रमुख रूप से:
कामरेड फूलचंद ढेवा, कामरेड विद्याधर गिल, कामरेड फूलचंद बर्वर, कामरेड रामचंद्र कुलहरि, दिनेश सूंडा (प्रदेशाध्यक्ष, प्रधान संघ), कामरेड पंकज धनखड़, एडवोकेट रामचंद्र यादव, कामरेड बिजेंद्र सिंह कुलहरि, कामरेड इंद्राज सिंह चारावास, मदन सिंह यादव, पोकर सिंह झाझड़िया, महीपाल सिंह पूनिया, कामरेड सुरेश महला, पूर्व प्रधान रामनिवास बाजला, उम्मेदसिंह धनखड़, पालाराम, गिरधारी लाल महला, कैलाश यादव, राजेन्द्र फौजी, सरपंच मोहर सिंह सोलाना, सरपंच रामकरण सिंह झाझड़िया, सरपंच उम्मेदसिंह राव, गजराज कटेवा, बिलाल कुरैशी, जय सिंह गुर्जर, राजेश बिजारणियां, सहीराम धनखड़, कप्तान मोहनलाल, हरी ओम, वीरभान सिंह, राम सिंह बराला, रसीद अहमद आदि शामिल रहे।

वहीं, बस मालिक संघ के अध्यक्ष भोपाल सिंह, व्यापार मंडल मुकुंदगढ़ अध्यक्ष पवन कुमार, मंडी व्यापार मंडल अध्यक्ष प्रदीप मुहाल और ऑटो यूनियन अध्यक्ष रफीक खान ने भी आंदोलन को समर्थन दिया।

चश्मदीदों के बयान

आंदोलन में शामिल नेताओं ने कहा कि स्मार्ट मीटर से आमजन की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ेगा और बिजली बिलों में पारदर्शिता की कमी रहेगी।

अगला कदम

30 अगस्त को प्रस्तावित सम्मेलन में संघर्ष समिति के गठन की औपचारिक घोषणा की जाएगी। आंदोलनकारियों का कहना है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार स्मार्ट मीटर नीति पर पुनर्विचार नहीं करती।