Posted inJhunjhunu News (झुंझुनू समाचार)

स्मार्ट मीटर हटाओ आंदोलन तेज: 12 जनवरी को किसान महापंचायत

Jhunjhunu farmers meeting against smart meters at teachers building

बिजली विधेयक 2025 और स्मार्ट मीटर के खिलाफ किसानों की बड़ी तैयारी

झुंझुनूं, बिजली उपभोक्ता स्मार्ट मीटर हटाओ संघर्ष समिति झुंझुनूं की विस्तारित बैठक आज शिक्षक भवन झुंझुनूं में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता वयोवृद्ध किसान नेता कामरेड फूलचंद ढेवा ने की।

किसान महापंचायत की रणनीति तय

बैठक का मुख्य उद्देश्य 12 जनवरी 2026 को अजमेर विद्युत वितरण निगम (AVVNL) के अधीक्षण अभियंता कार्यालय, झुंझुनूं पर प्रस्तावित किसान महापंचायत की तैयारी और रणनीति तय करना था।

ये रहें प्रमुख मांगें

संघर्ष समिति ने महापंचायत में निम्न मांगों को प्रमुखता से उठाने का निर्णय लिया

  • बिजली विधेयक 2025 को वापस लेना
  • स्मार्ट मीटर लगाना तुरंत बंद करना
  • लगाए गए सभी स्मार्ट मीटर हटाकर सामान्य मीटर लगाना
  • नए और सोलर कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता समाप्त करना
  • किसानों को दिन में बिना ट्रिपिंग, पूरे वोल्टेज के साथ गुणवत्तापूर्ण थ्री फेस बिजली
  • घरेलू उपभोक्ताओं को बिना शर्त 300 यूनिट फ्री बिजली

संगठनों को सौंपी जिम्मेदारियां

बैठक में संघर्ष समिति से जुड़े संगठनों
अखिल भारतीय किसान सभा, अखिल भारतीय किसान महासभा, क्रांतिकारी किसान यूनियन, जय किसान आंदोलन, राजस्थान किसान सभा और मुस्लिम न्याय मंच
को जिले के अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारियां सौंपी गईं

कम वोल्टेज और रात की बिजली पर नाराजगी

कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की घोषणाओं के बावजूद कई क्षेत्रों में किसानों को कम वोल्टेज, टुकड़ों में और रात के समय बिजली दी जा रही है। इसे लेकर बैठक में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला।

कई नेताओं ने किया संबोधन

बैठक को कामरेड रामचंद्र कुलहरि, कामरेड मदन सिंह यादव, कामरेड महीपाल पूनिया, कामरेड पोकर सिंह झाझड़िया, कैलाश यादव, कामरेड रमेश मील, इमरान बड़गुर्जर, कामरेड इंद्राज सिंह चारावास, कामरेड गिरधारीलाल महला, कामरेड राजेश बिजारणियां, कामरेड सुमेर सिंह बुडानिया, कामरेड मनफूल सिंह, कामरेड बजरंग लाल (एडवोकेट), कामरेड विजेंद्र कुलहरि, सूर्यप्रकाश शर्मा, सुरेन्द्र लांबा, प्रमोद स्वामी, कामरेड हरीओम, बलवान सिंह बलौदा, साबिर भाटी और महेंद्र कुमार काजला ने संबोधित किया।

प्रवक्ताओं का बयान

संघर्ष समिति के प्रवक्ता रामचंद्र कुलहरि और महीपाल पूनिया ने कहा कि

“यदि सरकार ने किसानों और बिजली उपभोक्ताओं की मांगें नहीं मानीं, तो 12 जनवरी की किसान महापंचायत से आंदोलन को और तेज किया जाएगा।”