झुंझुनूं। सोलाना नदी क्षेत्र में दोपहर बारह बजे लगी आग ने ग्राम्य वन सुरक्षा एवं प्रबंधन समिति सोलाना द्वारा लगाए गए 26 हैक्टर क्षेत्रफल के पेड़-पौधों को पूरी तरह नष्ट कर दिया।
घटना इतनी भीषण थी कि दमकल विभाग मौके पर पहुंचने के बावजूद भी आग पर पूरी तरह काबू नहीं पा सका।
पिछले साल भी लगी थी आग, दोहराया गया नुकसान
इस क्षेत्र में पिछले वर्ष भी आगजनी की बड़ी घटना सामने आई थी, जिसमें बड़ी संख्या में पेड़-पौधों को नुकसान हुआ था।
लगातार हो रही आग की घटनाओं ने समिति और ग्रामीणों में चिंता बढ़ाई है।
असामाजिक तत्वों की आशंका
ग्राम्य वन सुरक्षा एवं प्रबंधन समिति सोलाना के अध्यक्ष मोहर सिंह सोलाना ने बताया कि—
“लगातार हो रही आगजनी से यह स्पष्ट होता है कि इसमें कुछ असामाजिक तत्वों की भूमिका हो सकती है। सरकार को इसकी विस्तृत जांच करानी चाहिए ताकि दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सके।”
वन क्षेत्र की सुरक्षा पर बड़ा सवाल
सोलाना नदी क्षेत्र में किए गए पौधरोपण का उद्देश्य स्थानीय पर्यावरण को मजबूत करना, जल संरक्षण बढ़ाना और ग्रामीणों को प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर लाभ देना था।
लेकिन लगातार आग की घटनाओं से—
- पर्यावरण को भारी नुकसान,
- वन क्षेत्र की प्राकृतिक पैदावार नष्ट,
- और भविष्य के पौधारोपण कार्यों को जोखिम
का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार से निष्पक्ष जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग
स्थानीय ग्राम्य वन समिति ने सरकार से मांग की है कि—
- आगजनी की निष्पक्ष जांच कराई जाए,
- दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए,
- प्रभावित क्षेत्र में फिर से पौधरोपण कराया जाए,
- वन क्षेत्र की निगरानी बढ़ाई जाए,
- और संभावित असामाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए निगरानी समितियां बनाई जाएं।
समिति का कहना है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी।