झुंझुनूं, झुंझुनूं जिला मुख्यालय के पीपली चौक निवासी 50 वर्षीय मोहम्मद सदीक की जान समय पर इलाज मिलने से बच गई। सदीक को अचानक स्ट्रोक (लकवा) आने पर उनकी बेटी आबिदा की सूझबूझ से उन्हें तुरन्त ढूकिया हॉस्पिटल लाया गया, जहां न्यूरो विशेषज्ञों की टीम ने तत्काल इलाज शुरू किया।
स्ट्रोक में FAST प्रक्रिया ने निभाई अहम भूमिका
ढूकिया हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. नितिन चौधरी ने बताया कि स्ट्रोक के मामलों में FAST क्रिया का पालन करना बेहद जरूरी होता है:
- F (Face): चेहरे का एक तरफ लटक जाना
- A (Arms): हाथों में कमजोरी या सुन्नपन
- S (Speech): बोली में अस्पष्टता
- T (Time): बिना समय गंवाए इलाज शुरू करना
डॉ. चौधरी के अनुसार, सदीक को ये लक्षण दिखाई दिए और समय रहते हॉस्पिटल लाया गया, जिससे ब्रेन डैमेज से बचाव हो सका।
फिजियोथेरेपिस्ट और न्यूरो टीम का संयोजन
हॉस्पिटल की डायरेक्टर डॉ. मोनिका ढूकिया ने बताया कि स्ट्रोक के इलाज में न्यूरो विशेषज्ञ डॉ. नितिन चौधरी और फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. देवेंद्र मारवाल की अहम भूमिका रही। इलाज के बाद 10 जुलाई को सदीक को छुट्टी दे दी गई और अब वे सामान्य जीवन में लौट चुके हैं।
ढूकिया हॉस्पिटल की प्रमुख सेवाएं
- न्यूरो व स्पाइन रोग
- गुर्दा व मूत्र रोग
- हड्डी जोड़ सर्जरी व ट्रॉमा
- अस्थमा व जनरल सर्जरी
- ECHS, RGHS, ESIC व चिरंजीवी योजना के तहत निशुल्क इलाज
- 24×7 ब्लड व प्लाजमा सेवाएं
समय पर इलाज ही है स्ट्रोक का समाधान
डॉ. मोनिका ने कहा, “आज लोगों में FAST प्रक्रिया को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, जिससे समय रहते इलाज संभव हो पा रहा है।”
यदि आप भी स्ट्रोक या न्यूरो संबंधी किसी आपात स्थिति में हैं, तो समय गंवाए बिना FAST लक्षण पहचानें और तुरन्त विशेषज्ञ से संपर्क करें।
स्रोत: ढूकिया हॉस्पिटल, झुंझुनूं
हेल्थ डेस्क | Shekhawati Live