सरकार की ओर से जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की
चेयरमैन पर पद के दुरुपयोग का आरोप
झुंझुनूं / जयपुर, राजस्थान हाई कोर्ट ने नगरपालिका सूरजगढ़ की चेयरमैन द्वारा अपने पदीय अधिकारो के अतिक्रमण के चलते स्वयं के नाम के साथ अपने पति का नाम जोड़कर नगरपालिका फंड से निर्मित साधनों में दुरुपयोग करने के मामले में दायर याचिका में हाई कोर्ट ने जिला कलेक्टर झुंझुनूं सहित निदेशक स्वायत शासन विभाग, उपखण्ड अधिकारी व पालिका सूरजगढ़ के ईओ सहित संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
क्या है मामला?
मामले के अनुसार याचिकाकर्ता सूरजगढ़ निवासी सुभाष चंद्र सैनी ने अधिवक्ता संजय महला व सुनीता महला के जरिये याचिका दायर कर बताया कि 7 फरवरी 2021 को रिटर्निंग अधिकारी उपखण्ड मजिस्ट्रेट सूरजगढ़ ने नगरपालिका अध्यक्ष के पद पर पुष्पा देवी गुप्ता को निर्वाचित घोषित कर प्रमाण पत्र जारी किया। याचिका में प्रार्थी की ओर से कहा गया कि कुछ समय पश्चात ही उक्त चेयरमैन ने अपने पदीय अनुक्रम में अधिकारो का दुरुपयोग करते हुए नगरपालिका की ओर से कराए गए कार्यों में पट्टिकाओं , होर्डिंग्स व जगह जगह शिलालेखों पर ख़ुद के नाम के साथ अपने पति को राजनीतिक लाभ देने के लिए अपने नाम के साथ पति का नाम जोड़ कर पुष्पा सेवाराम गुप्ता के नाम से लिखना शुरू कर दिया।
शिकायत पर भी नहीं हुई कार्रवाई
बहस में अधिवक्ता संजय महला व सुनीता महला ने कहा कि इस संबंध में प्रार्थी ने उच्चाधिकारियों को लिखित में शिकायत दर्ज कराई किंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई । हाई कोर्ट ने 9 मई को मामले की सुनवाई कर संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इसके पश्चात प्रकरण 26 अगस्त को व 19 सितम्बर को फिर सुनवाई वास्ते सूचीबद्ध हुआ जिसमे राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता प्रस्तुत हुए । सरकार की ओर से जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर सुनवाई नहीं हो सकी, जिस पर न्यायालय ने नाराजगी जाहिर की । व प्रकरण फिर सुनवाई हेतु 8 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया गया ।
हाईकोर्ट का सख्त रुख
मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश संजीत पुरोहित ने फिर ये पाया की सरकार ने अभी तक इस मामले में कई मोके दिए जाने के बाद भी जवाब प्रस्तुत नहीं किया है जिस पर न्यायालय ने नाराजगी जाहिर करते हुए अंतिम अवसर देते हुए मामले को 16 अक्टूबर को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए व कहा कि अगर इस दिनांक तक कोई जवाब नहीं आता है तो निदेशक स्वायत शासन विभाग अपना स्वयं का शपथ पत्र ,देरी के न्यायोचित कारण बताते हुए प्रस्तुत करेंगे।