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Jhunjhunu News: झुंझुनूं में स्वच्छता सर्वे में निकाय फेल, जांच की चेतावनी

Jhunjhunu municipal body criticized for poor Swachhta survey ranking

न्याय मित्र की चेतावनी – संतोषजनक जवाब नहीं आया तो ACB (Anti-Corruption Bureau) से जांच

झुंझुनूं राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 में झुंझुनूं नगर परिषद की रैंकिंग में भारी गिरावट पर लोक अदालत द्वारा नियुक्त न्याय मित्र के. के. गुप्ता ने सख्त नाराज़गी जाहिर की है। उन्होंने आयुक्त को पत्र भेजकर जवाबदेही तय करने और तीन दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

बार-बार चेतावनी के बावजूद लापरवाही

गुप्ता ने पत्र में कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत जो निर्देश दिए गए थे, उनकी बार-बार अनदेखी की गई।
स्वच्छता सर्वे रिपोर्ट के अनुसार—

  • सिर्फ 50% घरों से ही कचरा उठाया जा रहा है।
  • गीला-सूखा कचरे का पृथक्करण मात्र 4% घरों में हो रहा है।
  • सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता सिर्फ 50% बताई गई है।
  • कचरे का निस्तारण शून्य प्रतिशत है, जो बेहद चिंताजनक है।

शिकायतें दर्ज नहीं, रोड लाइट बंद

गुप्ता ने यह भी कहा कि नगर परिषद द्वारा—

  • शिकायत रजिस्टर तक नहीं मेंटेन किया जा रहा।
  • सड़क पर घूमते पशु, बंद रोड लाइट, अतिक्रमण जैसी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
  • वार्डों में कचरा उठाने के लिए सिर्फ 6 बजे सुबह गाड़ियां चलाने की बात कही गई थी, लेकिन पालन नहीं हो रहा।

गुप्ता की मांगें और चेतावनी

न्याय मित्र ने स्पष्ट किया कि:

  • यदि तीन दिन में संतोषजनक जवाब नहीं आया तो ACB (Anti-Corruption Bureau) से जांच की सिफारिश की जाएगी।
  • पिछले दो वर्षों का खर्चा, वाउचर सहित मांगा गया है।
  • जवाबदेही तय कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी बताई गई है।

“जनता त्रस्त है, अधिकारी मस्त हैं। स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर खर्चा हो रहा है, लेकिन ज़मीनी हालात शर्मनाक हैं,” — के. के. गुप्ता, न्याय मित्र