झुंझुनूं, टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत निक्षय संबल योजना में झुंझुनूं जिले के 100 टीबी मरीजों को गोद लिया गया है।
यह जिम्मेदारी निभाई है जेजेटी विश्वविद्यालय ने, जिसने मलसीसर ब्लॉक के मरीजों को नियमित पोषण किट देने का संकल्प लिया है।
पोषण किट वितरण का शुभारंभ
जिला कलेक्टर डॉ. अरुण गर्ग ने सोमवार को जिला कलेक्टर सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पोषण किट बांटते हुए कहा—
“टीबी के खिलाफ लड़ाई में कोई भी मरीज अकेला नहीं है, प्रशासन पूरी तरह साथ खड़ा है।”
जनभागीदारी की अपील
इस अवसर पर जेजेटी विश्वविद्यालय प्रशासन की सराहना करते हुए कलेक्टर ने कहा कि:
“अन्य भामाशाह, स्वयंसेवी संगठन और उद्योगपति भी आगे आएं ताकि हम समाज के अंतिम व्यक्ति तक सहायता पहुंचा सकें।”
स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य: टीबी मुक्त झुंझुनूं
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. छोटेलाल गुर्जर ने बताया कि
“टीबी से लड़ाई सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की नहीं है, इसमें जन सहयोग जरूरी है।”
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत निक्षय मित्र योजना में
- भामाशाहों की भागीदारी को मुख्य रणनीति बनाया गया है।
- मरीजों को दवा के साथ पोषण सामग्री भी दी जा रही है।
कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख लोग
- डॉ. अमन गुप्ता (मुख्य वित्त अधिकारी, जेजेटी यूनिवर्सिटी)
- डॉ. रामनिवास सोनी (पीआरओ)
- डॉ. विजयसिंह (जिला क्षय रोग अधिकारी)
- हिमांशु सैनी (सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी)
- दिनेश खानखेडिया (मलसीसर बीएचएस)
- मुकेश कुमार सहित अन्य विभागीय अधिकारी