उदयपुरवाटी।कैलाश बबेरवाल मालकेत बाबा की 24 कोसी परिक्रमा के तहत ठाकुर जी की पालकी सोमवार को अरावली की वादियों से होती हुई शाकंभरी पहुंची। इस दौरान हजारों श्रद्धालु और साधु-संत यात्रा में शामिल रहे।
कोट बांध पर हुआ भव्य स्वागत
यात्रा के दौरान पालकी का अल्पविराम सरजू सागर कोट बांध पर हुआ, जहां प्राचीन शिव मंदिर में योगश्री नाथ महाराज व ग्रामीणों ने साधु-संतों व श्रद्धालुओं का भेंट-पूजा व स्वागत किया।
धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी परिक्रमा
प्राचीन मान्यता के अनुसार महाभारत युद्ध के बाद पांडवों ने गोत्र हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए लोहार्गल में तपस्या व स्नान किया था। तभी से भाद्रपद अमावस्या व सोमवती अमावस्या को यहां स्नान करना शुभ माना जाता है।
श्रद्धालुओं को सुरक्षा की सलाह
महंत योगश्री नाथ महाराज ने श्रद्धालुओं से अपील की कि पहाड़ी जंगलों में सावधानी बरतें और अकेले न जाएं। उन्होंने कहा –
“जंगल में जंगली जानवर हो सकते हैं, इसलिए समूह में रहें, रात को टॉर्च का उपयोग करें और एक-दूसरे की मदद करते हुए यात्रा पूरी करें।”
स्थानीय लोग सेवा में जुटे
परिक्रमा में आए साधु-संतों और श्रद्धालुओं की सेवा के लिए गीदाराम सैनी, राधा सैनी, हेमंत दूत, सुभाष चौधरी, धर्मेन्द्र सैनी, किशोर जांगिड़, ढाल चंद सैनी, नंदकुमार जांगिड़, रामावतार जांगिड़, विनोद सैनी, दया शंकर सैनी सहित सैकड़ों ग्रामीण लगे हुए हैं।
परिक्रमा का समापन
इस बार परिक्रमा का समापन शनिवार अमावस्या के दिन होगा। इसी दिन सूर्यकुंड लोहार्गल में मुख्य स्नान भी किया जाएगा।