उदयपुरवाटी,कैलाश बबेरवाल | झुंझुनूं ग्राम पंचायत बागोरा के राजस्व गांव गिरावड़ी में ग्रामीणों ने विद्युत विभाग और प्रस्तावित स्कीपर पावर ग्रिड की हाई-टेंशन लाइन के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। गांव में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
500 साल पुरानी भैंरूजी की बणी पर संकट
ग्रामीणों का आक्रोश ‘भैंरूजी की बणी’ को लेकर है, जो पिछले 500 वर्षों से क्षेत्र की आस्था और सुरक्षा का प्रतीक मानी जाती है।
यह बणी केवल धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि 8 से 10 हजार पशु-पक्षियों का प्राकृतिक घर भी है। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से यह क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) को संतुलित रखती है।
“प्राण दे देंगे, पर पेड़ नहीं कटने देंगे”
ग्रामीणों ने साफ शब्दों में कहा कि वे विकास के विरोधी नहीं, लेकिन विनाश की कीमत पर विकास उन्हें स्वीकार नहीं।
ग्रामीणों का कहना है:
“प्राण दे देंगे, पर पेड़ नहीं कटने देंगे।”
खेजड़ली आंदोलन जैसी चेतावनी
कंपनी की कथित हठधर्मिता से नाराज ग्रामीणों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हाई-टेंशन लाइन का कॉरिडोर नहीं बदला गया, तो वे खेजड़ली आंदोलन की तर्ज पर पेड़ों से चिपककर विरोध करेंगे।
“इतिहास दोहराने से भी पीछे नहीं हटेंगे, लेकिन अपनी विरासत पर कुल्हाड़ी नहीं चलने देंगे।”
प्रशासन से तीन बड़ी मांगें
ग्रामीणों ने प्रशासन के सामने स्पष्ट मांग रखी है कि
- कॉरिडोर का रूट तुरंत बदला जाए
- धार्मिक आस्था और जनभावनाओं का सम्मान किया जाए
- पर्यावरण और बेजुबान पक्षियों के संरक्षण को प्राथमिकता मिले
बड़े जन-आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने कहा कि यदि समय रहते प्रशासन और विभाग ने निर्णय नहीं लिया, तो एक बड़ा जन-आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी। आंदोलन की रणनीति जल्द तय की जाएगी।