ककराना/ झुंझुनूं। राज्य में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों को लेकर किसानों में भारी आक्रोश देखने को मिला। गुरुवार को किसान सभा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने चंवरा चौफूल्या पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
पोंख रोड स्थित प्रदर्शन स्थल पर विद्युत विभाग और राजस्थान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस मौके पर आयोजित बैठक में किसानों और वक्ताओं ने स्मार्ट मीटरों को किसान विरोधी करार देते हुए इसे “बिजली विभाग की लूट नीति” बताया।
मुख्य वक्ताओं के बयान
बैठक की अध्यक्षता किसान सभा सीकर जिला सचिव ओमप्रकाश यादव ने की। उन्होंने कहा:
“स्मार्ट मीटर लगाने का मतलब है किसानों और आमजन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ। ये मीटर तेज चलते हैं और यूनिट ज्यादा निकालते हैं। जब पुराने मीटर सही चल रहे हैं तो बदलाव क्यों?”
के के सैनी ने आरोप लगाया कि विभाग और ठेकेदार जानबूझकर पुराने मीटरों को खराब बताकर उपभोक्ताओं को डराते हैं, ताकि स्मार्ट मीटर जबरन लगाए जा सकें।
नत्थूराम सैनी, महावीर खरबास, कैलाश सामोता और अन्य वक्ताओं ने भी सरकार से मांग की कि स्मार्ट मीटर योजना को तुरंत रोका जाए।
19 जुलाई को भैरूं घाट में रणनीतिक बैठक
वक्ताओं ने घोषणा की कि 19 जुलाई को उदयपुरवाटी के भैरूं घाट में एक बड़ी बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें पूरे क्षेत्र से किसान जुटकर आगामी आंदोलन की रणनीति बनाएंगे।
प्रदर्शन में मौजूद प्रमुख लोग
इस विरोध प्रदर्शन में जग्गू राम सैनी, बंसीराम नेवरी, सेवानिवृत्त अध्यापक पोकर मल सैनी, गोकुल चंद्र सैनी, बंशीधर सैनी (अध्यक्ष, सैनी समाज समिति जोधपुरा), भीमाराम सैनी, सांवरमल खटाणा (ककराना), महावीर खरबास (किसान सभा महासचिव, गुढ़ागौड़जी) सहित दर्जनों ग्रामीण और किसान प्रतिनिधि शामिल रहे।
किसान सभा की चेतावनी
किसान सभा ने सरकार को दो टूक चेतावनी दी:
“अगर समय रहते स्मार्ट मीटर लगाने की नीति वापस नहीं ली गई तो राजस्थान का अन्नदाता बड़े स्तर पर सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा।”