बाल भिक्षावृत्ति रोकने के लिए चला विशेष ऑपरेशन
झुंझुनूं, राजस्थान पुलिस मुख्यालय, जयपुर के निर्देशानुसार राज्यभर में भिक्षावृत्ति उन्मूलन और बाल संरक्षण के लिए “उमंग-VI” विशेष अभियान 1 नवंबर से 30 नवंबर तक चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में झुंझुनूं जिले में भी इस अभियान को गति दी गई है।
भिक्षावृत्ति रोकथाम हेतु हुई समन्वय बैठक
पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (QIDT) फूलचंद मीणा ने मंगलवार को रिजर्व पुलिस लाइन सभागार में थानों के बाल कल्याण अधिकारियों और संबंधित विभागों की बैठक आयोजित की।
अभियान के तहत मुख्य कार्रवाई
एएसपी मीणा ने बताया कि अभियान के दौरान रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, धार्मिक स्थलों, सड़कों और बाजार क्षेत्रों में भिक्षावृत्ति कर रहे बच्चों की पहचान कर उन्हें मुक्त कराया जाएगा।
इन बच्चों के पुनर्वास, स्वास्थ्य जांच और परामर्श की व्यवस्था की जाएगी तथा आवश्यकतानुसार उन्हें बाल कल्याण समिति (CWC) के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
कानूनी कार्रवाई और दिशा-निर्देश
मीटिंग में निर्देश दिए गए कि—
- बच्चों से भिक्षा मंगवाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
- स्क्रिनिंग में यदि कोई बच्चा मानव तस्करी की श्रेणी में पाया जाए तो संबंधित थाना कार्रवाई सुनिश्चित करे।
- महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग और एनजीओ के सहयोग से अभियान को प्रभावी बनाया जाए।
- गुमशुदा या अनाश्रित बच्चों का पोर्टल मिलान और पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए।
अभियान में शामिल रहे अधिकारी
मीटिंग में विजेन्द्र सिंह राठौड़ (उप निदेशक, महिला एवं बाल विकास), चेतना शर्मा (जिला समन्वयक, राजस्थान महिला कल्याण मंडल), विक्रम बुडानिया (लेबर इंस्पेक्टर) तथा महेश कुमार (समन्वयक, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098) उपस्थित रहे।
एएसपी मीणा बोले – “यह पहल समाज को भिक्षामुक्त बनाएगी”
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक फूलचंद मीणा ने कहा कि यह अभियान समाज को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने और बाल संरक्षण के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने सभी अधिकारियों और विभागों से समन्वय बनाकर अधिक से अधिक बच्चों को सुरक्षित वातावरण दिलाने का आग्रह किया।