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Video News – झुंझुनू में सामने आया लापरवाही का बड़ा किडनी कांड

मुख्यमंत्री तक पंहुचा मामला, धनखड़ हॉस्पिटल को किया जायेगा सीज

झुंझुनू, झुंझुनू के धनखड़ हॉस्पिटल की लापरवाही का एक और बड़ा कारनामा सामने आया है। जिसमे महिला की जिस किडनी में संक्रमण था उसके स्थान पर सही किडनी को निकाल कर महिला को मौत के मुँह में धकेल दिया गया। झुंझुनू के इस किडनी कांड से पर्दा जयपुर के एसएमएस अस्पताल में जाने पर हुआ। मिली जानकारी के अनुसार झुंझुनू जिले के नुआ की पीड़िता बानो को पेट में तेज दर्द होता था जिसके चलते उसे धनखड़ अस्पताल ले जाया गया। यहाँ पर डॉक्टर संजय धनखड़ ने कहा कि स्टोन का बार-बार दर्द होगा इसलिए किडनी निकाल देते हैं यदि यह किडनी नहीं निकल गई तो जिंदगी भर दर्द होता रहेगा और डॉक्टर ने 15 मई को सर्जरी की जिसमें मरीज की संक्रमित किडनी की बजाय सही किडनी को बाहर निकाल दिया गया। एसएमएस अस्पताल जयपुर में जब मरीज को ले जाया गया तो इस पूरी लापरवाही से पर्दा उठा। डॉक्टर्स ने बोर्ड का गठन कर दिया जिसमें नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी के डॉक्टर से लेकर मेडिकल जूरिस्ट शामिल हैं। एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल को लिखित शिकायत की गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी गंभीर नजर आ रहे हैं और झुंझुनू जिला प्रशासन को कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। झुंझुनू जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल का कहना है कि हमारे पास यह कंप्लेंट प्राप्त हुई थी गलत किडनी को निकाल दिया गया है और हमने बीडीके अस्पताल की टीम को मौके पर भेजा है। अस्पताल के सारे रिकॉर्ड सीज किये जा रहे हैं और अस्पताल को भी सीज किया जाएगा और जितने भी वहां पर मरीज हैं उनको बीड़ीके अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है। इस मामले में सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा। जिले में और भी ऐसे कितने हॉस्पिटल चल रहे हैं जिनमें ऐसी लापरवाही की शिकायतें सामने आ रही है उनकी भी जांच करवाई जाएगी। वहीं सूत्रों से यह जानकारी भी निकल कर सामने आ रही है कि यह डॉक्टर की लापरवाही से जुड़ा मामला है या कहीं किडनी कांड से इसका कोई कनेक्शन तो नहीं इस एंगल से भी प्रशासनिक टीम में जांच करेंगी। वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि धनखड़ हॉस्पिटल में लापरवाही और बवाल होने का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पूर्व भी साल दर साल हॉस्पिटल ऐसे मामलों को लेकर समाचारों की सुर्खियों में बना रहता आया है लेकिन अभी तक इसके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई सरकार द्वारा देखने को नहीं मिली है। ऐसे में डॉक्टर की लापरवाही और जिम्मेदारों द्वारा कोई कार्रवाई न करना जनता की जान पर लगातार भारी पड़ रहा है।