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श्री हरिशरण जी महाराज ने राम कथा में राम वनवास का प्रसंग सुनाया

झुंझुनूं, पुराना बस स्टैंड मित्तल कॉलोनी स्थित जालान निवास के सामने नोहरे में श्रीमती गायत्री देवी जालान फर्म छोटेलाल श्यामसुंदर जालान कपड़ा बाजार की ओर से प्रभात फेरी परिवार झुंझुनू के संयोजन में भव्य श्री राम कथा में पांचवें रोज गुरुवार को भव्य श्री राम कथा में व्यास पीठ से हरि शरण जी महाराज ने कहा कि अपने चारों पुत्रों के विवाह के पश्चात राजा दशरथ का एकमात्र सपना था कि वह अपने जेष्ठ पुत्र राम को अयोध्या नगरी का राजा बनाए। इसलिए राजा दशरथ ने राम का राज्याभिषेक निश्चित किया। परंतु रानी कैकई ने मंथरा के कुविचारों से भ्रमित होकर राजा दशरथ से अपने दोनो वर मांगती है जिसमें वह पहले वरदान में राम को 14 वर्ष का वनवास एवं दूसरे वचन में अपने पुत्र भरत को अयोध्या का राजा बनाने की मांग करती है। महाराज श्री ने व्यास पीठ से भगवान श्री राम के वन में जाने एवं साथ में सीता जी एवं लक्ष्मण जी के वन जाने की कथा का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि अधर्म के विनाश के लिए और धर्म के प्रकाश के लिए प्रभु राम के संकल्प को पूरा करने में माता कैकई का अतुलनीय योगदान रहा जिसे भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने राम बनवास का संगीत के माध्यम से कहा कि वन को चले अवध के राम, अपनी अवधपुरी को करके बारंबार प्रणाम, राम लखन सिय वन को चले हैं, छोड़ अयोध्या धाम, वन को चले अवध के राम, से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।

जानकारी देते हुए आयोजक परिवार के सुभाष चन्द्र जालान ने बताया कि व्यास पीठ से श्री हरिशरण जी महाराज द्वारा 27 नवंबर तक मध्यान 1 बजे से सांय 5 बजे तक संगीतमय श्री राम कथा का संगीतमय वाचन किया जाएगा। इस अवसर पर आयोजक सुभाष चन्द्र जालान, गोपाल जालान, राम रतन जालान प्रमोद जालान, परमेश्वर जालान, अरुण जालान, मुकेश जालान, शिवकुमार जालान, दिनेश जालान, विनोद जालान, नन्दकिशोर जालान, रूपेश तुलस्यान, बंटी पंसारी, दिनेश ढंढारिया, डॉक्टर डीएन तुलस्यान श्रीकांत पंसारी, निर्मल मोदी, कुंदन सिंगडोदिया, चंद्रभान शर्मा खाजपुरिया, बालकिशन भुकानिया, सुरेंद्र सुरेका, रोहित गुप्ता, ललित अग्रवाल, रतन जोहरीवाल, कि्श अग्रवाल, गजेंद्र जोहरीवाल, विजय कुमार तुलस्यान, बिहारी लाल केडिया भाटीवाड, अशोक गोटेवाला, शिव खेतान, गोविन्द छापड़िया, अनिल पंसारी, डुंगरमल भुकानिया, रधुनाथ़ पोद्दार, सम्पत पुरोहित, परमेश्वर हलवाई, कैलाश चंद्र सिंघानिया एवं मुलचंद खेतान सहित अन्य भक्तजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।