तंत्र-मंत्र और वास्तु दोष के नाम पर करता था दुर्लभ वन्यजीव अंगों की बिक्री
झुंझुनूं। शेखावाटी में वन्यजीव अपराधों के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है।
वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB), दिल्ली और झुंझुनूं वन विभाग की संयुक्त टीम ने एक ऐसे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जो वन्यजीवों से जुड़ी प्रतिबंधित सामग्री को ऑनलाइन बेचने का काम कर रहा था।
नकली ग्राहक बनाकर मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार
मुख्य आरोपी साहिल गोड़, निवासी मंड्रेला (झुंझुनूं), को झुंझुनूं रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया।
वह अपने दो सहयोगियों के साथ मिलकर हाथा जोड़ी, जंगली सुअर के दांत, उल्लू के नाखून, इंद्रजाल, मस्कपोड जैसे दुर्लभ और प्रतिबंधित वन्यजीव अंगों की ऑनलाइन बिक्री करता था।
मुंबई से होती थी खरीद, देशभर में होती थी डिलीवरी
प्रारंभिक जांच में सामने आया कि साहिल मुंबई और अन्य स्थानों से वन्यजीव अंगों की खरीद करता था और फिर उन्हें वास्तु दोष निवारण और तंत्र-मंत्र के नाम पर लाखों रुपये में ऑनलाइन बेचता था।
टीम ने नकली ग्राहक बनकर सौदा तय किया और मौके से साहिल और उसके सहयोगियों को दबोच लिया।
क्या-क्या मिला आरोपी के पास?
रेंजर विजय फगेड़िया के नेतृत्व में की गई छापेमारी में आरोपी के पास से निम्न सामग्री बरामद हुई:
- हाथा जोड़ी
- जंगली सुअर के दांत
- उल्लू के नाखून
- इंद्रजाल
- मस्कपोड (कस्तूरी)
- अन्य दुर्लभ अंग व वस्तुएं
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
ये सभी सामग्री वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत पूरी तरह से अवैध और प्रतिबंधित हैं।
ACF हरेंद्र भाकर ने बताया कि आरोपी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे सोशल मीडिया, WhatsApp और टेलीग्राम के जरिए ग्राहकों को फंसाता था और उन्हें “वास्तु दोष निवारण” के नाम पर ठगता था।
आगे और खुलासों की संभावना
वन विभाग के अनुसार, यह नेटवर्क देशभर में फैला हो सकता है।
टीम को शक है कि आरोपी के अन्य साथी, सप्लायर और ग्राहक भी सक्रिय हैं।
फिलहाल आरोपियों से पूछताछ जारी है और और भी बड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।