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Bank Privatization: मार्च 2026 तक प्राइवेट हाथों में चला जाएगा ये बड़ा बैंक, सरकार ने शुरू की प्रक्रिया

IDBI Bank Privatization: सरकार ने आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया तेज कर दी है और रणनीतिक बिक्री मार्च 2026 तक पूरी होने की उम्मीद जताई गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने ही कहा था कि भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाले कई बड़े बैंकों की जरूरत है. उन्होंने स्पष्ट किया था कि इस दिशा में काम पहले ही शुरू हो चुका है.

यह कदम विकसित भारत 2047 लक्ष्य के तहत बैंकिंग सुधारों का हिस्सा है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण, वैश्विक स्तर पर मजबूत बैंकों के निर्माण और विदेशी निवेश की बढ़ती रुचि के बीच आईडीबीआई बैंक का निजीकरण भारतीय बैंकिंग सेक्टर के लिए बड़ा बदलाव साबित हो सकता है.

अगर आपका भी इस बैंक से अकॉउंट जुड़ा है तो आपके लिए ये खबर बड़ी होने वाली है। बता दे कि जल्द देश का एक और सरकारी बैंक प्राइवेट होने वाला है। बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है जिसमें कोटक महिंद्रा बैंक भी शामिल हो गया है। कोटक महिंद्रा बैंक आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी खरीदने में रुचि दिखा रहा है।

March 2026 तक निजीकरण की प्रक्रिया हो जाएगी पूरी

साल 2026 तक आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। केंद्र सरकार के पास 45.48 परसेंट और एलआईसी के पास 49.24 परसेंट हिस्सेदारी है।निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग को आईडीबीआई बैंक में 61% हिस्सेदारी बेचने का काम दिया गया है।

LIC को पहले आईडीबीआई बैंक में प्रवर्तक शेरधारक के रूप में वर्गीकृत किया गया था।LIC को यह दर्ज 2019 में बैंक का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के बाद मिला था। सामने रिपोर्ट के अनुसार एलआईसी के पास बैंक के संचालक पर बोर्ड प्रतिनिधित्व और रणनीतिक प्रभाव था।

एक तरफ जहां खबर आ रही है कि कोटक महिंद्रा बैंक आईडीबीआई बैंक में शेयर खरीदना चाहता है वही अभी तक कोटक महिंद्रा बैंक ने इस पर कोई बयान नहीं दिया है। सरकार ने साफ शब्दों में कहा है कि 2026 तक निजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

विकसित भारत 2047 और बैंकिंग सुधार

सरकार ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बैंकिंग सेक्टर को मजबूत करने पर जोर दिया है. इसके तहत अधिक बड़े, मजबूत और विश्वस्तरीय बैंकों के निर्माण की योजना बनाई जा रही है. इसी कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण और निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है.