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हरियाणा में कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी खुशखबरी, अब मिलेगी ये नई सुविधा

Haryana News : हरियाणा में कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए इस वक्त बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी के लिए बता दे की अक्सर सैनी सरकार विभिन्न लाभदायक योजनाओं से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ पहुँचाने का काम करती है। अब इसी कड़ी में प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों/पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों के ईलाज के लिए काफी सुविधाएं दे रही है। सरकारी अस्पतालों के अलावा कई प्राइवेट अस्पतालों को भी इम्पैनल्ड किया है ताकि वे अपनी सुविधा के अनुसार नजदीकी अस्पताल में ईलाज करवा सकें। Haryana News

कर्मचारियों की मांग पर प्रदेश सरकार ने कई प्राइवेट आयुष अस्पतालों को भी इम्पैनल्ड किया है। इस दिशा में कदम उठाते हुए विभाग ने दो और आयुष अस्पतालों को इम्पैनल्ड कर दिया है जिससे संख्या बढ़कर अब करीब एक दर्जन हो गई है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार की ओर से झज्जर जिला में आयुष अस्पताल “संस्कारम हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर” , खेड़ी तालुका , पटौदा तथा हिसार जिला के बरवाला में स्थित “वेदामृता हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड” को इम्पैनल्ड किया है।Haryana News

हरियाणा के सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स तथा उनके आश्रित अब इन प्राइवेट आयुष अस्पतालों में भी ईलाज करवा सकेंगे। सरकार द्वारा निर्धारित बीमारियों की जांच एवं ईलाज करवा कर इन अस्पतालों के मेडिकल बिल पास करवा सकेंगे।

हरियाणा आयुष निदेशालय के प्रवक्ता ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि इन इम्पैनल्ड प्राइवेट आयुष अस्पताल के स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। नोडल अधिकारी किसी भी शिकायत के मामले में आयुष विभाग से संपर्क करेगा।Haryana News

उन्होंने इम्पैनल्ड अस्पतालों की शर्तों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकारी अस्पतालों में किसी भी आपात स्थिति/आपदा/मरीजों की अधिकता की स्थिति में इम्पैनल्ड अस्पताल आवश्यकतानुसार अपनी एम्बुलेंस, आईसीयू, बर्न यूनिट, वार्ड बेड आदि साझा करने के लिए सहमत होंगे। Haryana News

उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी सभी वैधानिक नियमों/दिशानिर्देशों/अधिनियमों/अधिसूचनाओं का इम्पैनल्ड प्राइवेट आयुष अस्पताल द्वारा पालन किया जाएगा। उपर्युक्त एनएबीएच मान्यता प्राप्त आयुर्वेदिक अस्पताल मान्यता प्रमाणपत्र की वैधता के अधीन तीन वर्षों की अवधि के लिए इम्पैनल्ड रहेगा। इसके बाद, अस्पताल को नए सिरे से आवेदन करना होगा।