Widow Pension Scheme : हरियाणा में बिजली विभाग के लाइनमेन पारिवारिक पैंशन और पति के सेवानिवृत्ति लाभों के लिए दर-दर भटक रही थी। हैरानी कि बात ये है कि सरकार कि तरफ से इस विधवा महिला का साथ नहीं मिल रहा था। आखिरकार उन्हें राहत मिली है। बता दे कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़े शब्दों में आदेश जारी कर 80 वर्षीय निरक्षर विधवा महिला लक्ष्मी देवी को राहत प्रदान की, उसके पति लाइनमैन थे और उनकी मृत्यु नौकरी के दौरान हो गई थी, जब वे तत्कालीन हरियाणा राज्य विद्युत बोर्ड में सब-स्टेशन अधिकारी के पद पर कार्यरत थे।
हालांकि उन्हें 1970 के दशक में 6026 रुपए की एक छोटी सी अनुग्रह राशि मिली थी, लेकिन दशकों के पत्राचार और 2005 में एक पूर्व अदालती मामले के बावजूद पारिवारिक पैंशन, ग्रैच्युटी और अन्य बकाया राशि कभी जारी नहीं की गई।
जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले को प्रशासनिक उदासीनता और उचित हक के लिए लगातार संघर्ष की गाथा बताया।Widow Pension Scheme
इसमें प्रशासनिक उदासीनता की निराशाजनक और व्यथित करने वाली तस्वीर सामने आई, जो याचिकाकर्ता की बढ़ती उम्र, बिगड़ते स्वास्थ्य और प्रभावी कानूनी सहायता के अभाव के कारण और भी जटिल हो गई।
5 दशकों से दर-दर भटकने के लिए महिला मजबूर
51 साल की कठिन परीक्षा और प्रशासनिक विफलता पर टिप्पणी करते हुए जस्टिस बराड़ ने कहा कि याचिकाकर्ता, एक अशिक्षित और बेसहारा विधवा, लगभग 5 दशकों से दर-दर भटकने के लिए मजबूर है और अंततः अपने दिवंगत पति के पारिवारिक पैंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों को प्राप्त करने के संघर्ष में इस अदालत का दरवाजा खटखटा रही है। Widow Pension Scheme
अदालत ने हरियाणा सरकार के बिजली विभाग के प्रधान सचिव या प्रशासनिक प्रमुख को निर्देश दिया कि वे 2 महीने के भीतर लक्ष्मी देवी के दावों की सत्यता की व्यक्तिगत रूप से जांच करें और सुनिश्चित करें कि याचिकाकर्ता को मिलने वाले सभी वैध लाभ उसे तुरंत जारी किए जाएं। Widow Pension Scheme